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लीड ::: साहिबगंज-पाकुड़ में लक्ष्य के विरुद्ध 50 फीसद धनरोपनी

देवघर की स्थिति सबसे खराब, जहां 10.2 प्रतिशत ही हुई धनरोपनी

खरीफ की खेती. संताल परगना के 364500 हेक्टेयर में से 237555 में धनरोपनी होना बाकीदेवघर की स्थिति सबसे खराब, जहां 10.2 प्रतिशत ही हुई धनरोपनी

संवाददाता, दुमका

संताल परगना समेत राज्य में पिछले दिनों तीन दिनों तक हुई अच्छी बारिश धान की फसल के लिए जीवनदायिनी साबित हुई है. साहिबगंज व पाकुड़ में धनरोपनी का काम थोड़ी बेहतर स्थिति में है. यहां के लगभग आधे खेतों में धान रोपे जा चुके हैं, जो बचे हुए हैं, उनमें भी अधिकांश खेतों को जुताई कर किसानों ने तैयार कर रखा है, ताकि सप्ताहभर के अंदर धनरोपनी की जा सके. कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 5 अगस्त तक पूरे प्रक्षेत्र में 364500 हेक्टेयर के विरुद्ध 126945 हेक्टेयर में धनरोपनी कर ली गयी है, जो कि 34.8 प्रतिशत है. सबसे अच्छी स्थिति साहिबगंज जिले की है, जहां 49000 में से 53.6 प्रतिशत यानी 26278 हेक्टेयर में धनरोपनी हो गयी है, जबकि पाकुड़ में 49000 के विरुद्ध 49.6 प्रतिशत यानी 24323 हेक्टेयर में तथा दुमका जिला में 111000 हेक्टेयर के लक्ष्य के विरुद्ध 40.6 प्रतिशत यानी 45023 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा डाला जा चुका है. सबसे खराब स्थिति अब भी देवघर जिले की है, जहां 10.2 प्रतिशत ही धनरोपनी हो सकी है.

कहां कितने हेक्टेयर में खेती

जिला-लक्ष्य-उपलब्धि-खाली खेत

दुमका-111000-45023-65977

देवघर-52000-5309-46691

जामताड़ा-52000-13221-38779

गोड्डा-51500-12791-38709

साहिबगंज-49000-26278-22722

पाकुड़-49000-24323-24657

संप प्रक्षेत्र-364500-126945-237555

कहां कितने हेक्टेयर में मक्के की खेती

जिला-लक्ष्य-उपलब्धि-खाली जमीन

दुमका-20960-7443-13517

देवघर-17000-12961-4039

जामताड़ा-15700-8386-7314

गोड्डा-13700-2516-11184

साहिबगंज-15000-4792-10208

पाकुड़-10860-7124-3736

संप प्रक्षेत्र-93220-43222-49998

तीन दिनों तक पानी बिचड़ा डूबने से पहुंची क्षतिरानीश्वर. भारी बारिश होने तथा तीन दिनों तक निचले हिस्से के जमीन में धान के बिचड़े पानी में डूबा रहने से फसलों को नुकसान पहुंचा है. विभिन्न जगहों पर निचले इलाके में खेतों में पानी भर जाने तथा पानी निकासी नहीं हो पाने में धान फसल डूबी रही. बारिश कम होने तथा तेज धूप निकलने के बाद खेतों में पानी कम होने से धान फसल पानी निकला है. पर जगह-जगह धान के पौधे सड़ चुके हैं. आसनबनी के किसान प्रदीप कुमार मंडल ने बताया कि फिलहाल निचले इलाके के खेतों में पानी कम हुआ है. धान के पौधे निकल चुके है. अभी अधिक बारिश नहीं होने तथा तेज धूप निकलने से धान के पौधे के विकास में तेजी आयेगी, जहां धान का पौधा पूरी तरह से सड़ गया है. वहां बीच-बीच में फिर से धान रोपाई करना पड़ेगा.

फोटो

पांच दिनों में कहां कितनी बारिश

जिला-कुल बारिश

दुमका-157.14

देवघर- 123.20

जामताड़ा- 177.53

साहिबगंज-138.76

गोड्डा-94.60

पाकुड़-151.04

संप-140.38

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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