जमुई. सावन की तीसरे सोमवारी के अवसर पर श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ, माता पार्वती पर जलार्पण कर सुख-समृद्धि की कामना की. इस अवसर पर बाबा धनेश्वरनाथ मंदिर, बाबा पतनेश्वरनाथ मंदिर, बाबा गिद्धेश्वरनाथ मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगी रही. ऊं नम: शिवाय, हर-हर महादेव की जयघोष से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया था.
बरहट प्रतिनिधि के अनुसार,
सावन की तीसरी सोमवारी को पत्नेश्वरनाथ धाम पहाड़ स्थित मंदिर में पूजा को लेकर अहले सुबह ही मंदिर का पट खोल दिया गया. इसके बाद श्रद्धालु क्यूल नदी से जल भर कर बोल बम, हर हर महादेव के जयघोष करते हुए मंदिर परिसर पहुंचे और कामना लिंग पर जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की. पत्नेश्वर शिव मंदिर के पुजारी राजीव पांडेय ने कहा कि तीसरी सोमवारी को 20 हजार से अधिक शिव भक्तों ने शिवलिंग पर जलाभिषेक किया है. शिव मंदिर में आये भक्तों के सहूलियत को लेकर मंदिर कमेटी के सदस्य और मलयपुर थाना की पुलिस जवान मुस्तैदी से लगे रहे. उन्होंने बताया कि बाबा पतनेश्वर नाथ की महिमा अपरंपार है यहां सच्चे दिल से किया गया कामना पूर्ण होता है. बाबा की प्रति असीम आस्था का ही परिणाम है कि सोमवारी के अवसर पर काफी भीड़ उमड़ पड़ती है.चकाई प्रतिनिधि के
अनुसार
, सावन मास की तीसरी सोमवारी पर प्रखंड के सभी शिव मंदिरों में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी. गोला शिवमंदिर, दुखिया बाबा शिवमंदिर, रामचंद्रडीह शिवमंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने अजय नदी से कांवर में पवित्र जल भरकर नाचते गाते व बोल बम का जयकारा लगाते पैदल चलकर बाबा भालेनाथ को जलाभिषेक किया और सुख-समृद्धि की कामना की. आचार्य गोपाल मिश्रा बताते हैं कि अजय नदी का उदगम स्थल चकाई है तथा यह नदी बंगाल के रास्ते से होते हुए गंगा में जाकर मिलती है. इसलिए इस नदी का जल गंगा के जल के समान स्वच्छ व निर्मल माना गया है. इसलिए इस नदी का जल से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया जाता है. यही कारण है कि सावन मास में बड़ी संख्या में कांवरिया अजय नदी का जल बाबा भोलेनाथ को चढ़ाते हैं. इसके अलावा दुलमपुर, करही, बटपार, उरबा, ब्लॉक, चकाई थाना, जमुनी, महेश्वरी, कानूनगो बंगला, सरौन, बेशकीटांड, माधोपुर, करनगढ़ सहित सभी शिवमंदिरों में भक्तों ने बाबा भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर जल चढ़ाया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिला-पुरुषों ने उपवास रखकर बाबा व माता की अराधना की. सोमवारी को लेकर फल दुकान, आलू से बनी जिलेबी, पेड़ा की जम कर खरीदारी की गयी. इस अवसर पर सुबह से लेकर शाम तक शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना की जाती रही और पूरा माहौल भक्तिमय रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है