प्रखंड मुख्यालय से महज 300 मीटर दूर सिमराढाब शिव मंदिर मट्ठा पहाड़ी के पास निर्माणाधीन तालाब का आउटलेट बीते शुक्रवार को पहली बारिश में ध्वस्त हो गया था. इसकी जांच के लिए सोमवार को लघु सिंचाई विभाग के सहायक चीफ इंजीनियर नरेश प्रसाद मंडल, कार्यपालक अभियंता चंद्रशेखर प्रसाद के साथ पहुंचे. सहायक चीफ इंजीनियर ने तालाब के ध्वस्त आउट लेट को देखते ही संवेदक समेत कनीय अभियंता पर बिफर पड़े. इसके साथ ही संवेदक से पुनः तोड़कर कार्य करने का निर्देश दिया. कहा कि संवेदक की लापरवाही के कारण तालाब का आउट लेट ध्वस्त हुआ है. बरसात से पहले कार्य किया होता तो शायद यह नौबत नहीं आती. खैरियत यही है कि स्टील आउटलेट के एक रुपये का भी भुगतान नहीं हुआ है. भुगतान होता तो कनीय अभियंता की भी लापरवाही संवेदक से कम नहीं होती. उन्होंने संवेदक को निर्देश देते हुए कहा कि पूरा तोड़कर नयी बुनियाद कर कार्य करना है. इसके अलावा अभी जितनी बुनियाद दी गयी है, उससे तीन मीटर और नीचे करना है. इसके साथ ही गुणवत्ता पर ध्यान रखने के लिए सहायक अभियंता व कनीय अभियंता को निर्देश दिया गया है. कहा कि गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं होने पर दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जायेगी. बता दें कि तालाब जीर्णोद्धार में संवेदक के द्वारा घटिया कार्य को कराता देखकर ग्रामीणों ने कार्य करने पर रोक लगा दिया था. दूसरे दिन आनन-फानन में कनीय अभियंता कार्य स्थल पहुंचकर जांच कर अनियमितता का उजागर किया था. उस वक्त भी कनीय अभियंता ने आउटलेट का दीवार पुनः तोड़कर बनाने का निर्देश दिया था. लेकिन संवेदक के द्वारा दीवार का कुछ हिस्सा तोड़कर ही कार्य शुरू कर दिया जिससे पहली बारिश ने कार्य में अनियममिता का पोल खोल कर रख दिया है. ज्ञात हो कि उक्त तालाब का जीर्णोद्धार लगभग एक करोड़ रुपये की लागत से लघु सिंचाई विभाग के द्वारा संवेदक से कराया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि तालाब में मिट्टी का भी कटाई पूरा नहीं हुआ है. पानी सूखने के बाद जितना मिट्टी का कटाव होना है उसे पूरा करे. मिट्टी तालाब के मेढ़ पर रखे. मौके पर सहायक अभियंता चितरंजन सिंह कनीय अभियंता कामेश्वर सिंह, विजय रवानी, पूर्व मुखिया प्रेमचंद कुशवाहा उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है