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एमसीएच में 12 चिकित्सक हर माह 264 प्रसव करा रहीं

एमसीएच में 12 चिकित्सक हर माह 264 प्रसव करा रहीं

-हर दिन 30 महिलाओं का होना है प्रसव मुजफ्फरपुर. सदर अस्पताल स्थित मातृ शिशु अस्पताल, एमसीएच में सरकार की ओर से बेहतर सुविधाएं दे रही हैं. 12 महिला चिकित्सकों की भी तैनाती की गयी है. इसमें सर्जन भी शामिल हैं. बावजूद हर माह 12 चिकित्सक मिलकर 600 गर्भवती महिलाओं का प्रसव नहीं करा रही हैं. पिछले एक माह में एमसीएच में हुए प्रसव के आंकडे़ बताते हैं कि प्रसव को लेकर जो लक्ष्य तय किये जा रहे हैं, उसका एक तिहाई प्रसव भी एमसीएच में नहीं हो रहा है. जुलाई में 264 गर्भवतियों ने ही एमसीएच में आकर बच्चे को जन्म दिया. जबकि हर माह कम से कम 600 गर्भवती का प्रसव एमसीएच में कराना है. इस अनुपात में हर दिन दो महिलाएं प्रसव कराने पहुंच रही हैं. — हर माह नौ हजार महिलाएं प्रसव का है लक्ष्य एमसीएच में सुविधा बढ़ाने के बाद हर माह नौ हजार गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीं हर दिन 30 महिलाओं का प्रसव एमसीएच में होना है. लेकिन आलम यह है कि हर माह 227-264 महिलाएं ही प्रसव कराने पहुंच रही है. ऐसे में हर दिन सात महिलाएं भी प्रसव कराने नहीं पहुंच रही है. — बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चला रहा संस्थागत प्रसव को शासन बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की योजना चला रहा है. वहीं एमसीएच में भी व्यवस्थाएं पहले से दुरुस्त हुई है, लेकिन यहां संस्थागत प्रसव में कमी आ रही है. वहीं, प्रसव के दौरान नवजात बच्चों की मौत का आंकड़ा घटा है. इधर गर्भवती को अस्पताल तक लाने व प्रसूता को घर तक छोड़ने के लिए 102 एंबुलेंस, प्रसव होने पर पांच हजार रुपये प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत और जननी सुरक्षा योजना के तहत भी धनराशि दी जाती है. इस सबके बाद भी संस्थागत प्रसव को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है. इसका सबूत एमसीएच के आंकड़े कर रहे हैं. — महिला अस्पताल में आने वाली महिलाओं को बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं. स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव कराने की सुविधा हो गई है, इसलिए महिलाएं अपने नजदीक की सीएचसी-पीएचसी पर पहुंच जाती हैं. यही वजह है कि महिलाएं एमसीएच नहीं आती हैं. -डॉ एन के चौधरी, अपाधीक्षक,सदर अस्पताल

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