कोलकाता. बांग्लादेश में जारी अशांति के बीच पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र को हाई अलर्ट पर रखा गया है. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सूत्रों के अनुसार, पड़ोसी देश में उथल-पुथल के मद्देनजर 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर सभी यूनिट को ‘हाई अलर्ट’ पर रखा गया है. पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश के साथ भारत की 2217 किलोमीटर सीमा लगती है.
उधर, बांग्लादेश के हालात को देखते हुए बीएसएफ के महानिदेशक (कार्यवाहक) दलजीत सिंह चौधरी ने पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक रवि गांधी और दक्षिण बंगाल के महानिरीक्षक मनिंदर प्रताप सिंह के साथ उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के साथ ही राज्य के सुंदरवन के विस्तृत इलाकों का औचक दौरा किया. इस दौरान उन्होंने भारत-बांग्लादेश की कई महत्वपूर्ण सीमा चौकियों पर सुरक्षा एवं बीएसएफ की ओर से परिचालन की तैयारियों और जवानों की रणनीतिक तैनाती जैसे कई अहम मुद्दों की समीक्षा की. दलजीत सिंह चौधरी (डीजी एसएसबी) ने तीन अगस्त को ही बीएसएफ के नये डीजी का अतिरिक्त कार्यभार संभाला है. इसके बाद उनका सबसे पहला एवं काफी अहम आधिकारिक दौरा पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर हुआ है. बांग्लादेश में बदले हुए हालात के मद्देनजर बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर अलर्ट जारी किया है. इसके साथ ही बांग्लादेश सीमा पर जवानों की संख्या में भी उल्लेखनीय इजाफा किया गया है.
यह दौरा बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के एडीजी (पूर्वी कमान) रवि गांधी द्वारा पूर्वी कमांड की विस्तृत ब्रीफिंग के साथ शुरू हुआ. ब्रीफिंग में पूर्वी कमांड की बटालियनों के रणनीतिक परिदृश्य और संचालन को शामिल किया गया.
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जिसमें महानिदेशक को संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय सीमा पर राष्ट्रीय सुरक्षा बनाये रखने में बीएसएफ की भूमिका पर विस्तृत जानकारी से अवगत कराया गया.
इस बैठक के बाद डीजी बीएसएफ और रवि गांधी (एडीजी), अन्य अधिकारियों के साथ धमाखाली के लिए रवाना हुए. यहां 118वीं बटालियन के कमांडेंट ने डीजी बीएसएफ के साथ टी जंक्शन पर तैनात फ्लोटिंग बीओपी के रास्ते में बांग्लादेश के साथ बटालियन की जल सीमा क्षेत्र की जिम्मेदारियों का विस्तृत विवरण दिया, जिसमें बारिश के मौसम में वन व जल-प्रधान इलाके की अनूठी चुनौतियों और तस्करी तथा अवैध क्रॉसिंग सहित सीमा अपराधों से निपटने के लिए लागू किये गये प्रभावी उपायों पर जोर दिया गया. इस दौरे के अंत में घने वर्षावन वाले सुंदरबन में स्थित चौकी का अधिकारियों ने दौरा किया. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में भारत- बांग्लादेश की 2217 किलोमीटर सीमा जुड़ती है. इसमें नदी क्षेत्र भी है.
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