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एक करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार व्यवसायी खुद भी हो गया है ठगी का शिकार

कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम की टीम के हाथों 1.02 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में खड़दह से गिरफ्तार शख्स असल में खुद धोखाधड़ी का शिकार हुआ है.

संवाददाता, कोलकाता

कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम की टीम के हाथों 1.02 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में खड़दह से गिरफ्तार शख्स असल में खुद धोखाधड़ी का शिकार हुआ है. लालबाजार के साइबर थाने की पुलिस को जांच के दौरान ऐसी जानकारी मिली. गिरफ्तार व्यवसायी ने मूल पीड़ित 71 वर्षीय वृद्ध को अदालत में पेशी के दौरान पूरी रकम लौटाने के लिए उसे 1.10 करोड़ रुपये का चेक दिया, जिसके बाद अदालत से व्यवसायी सूरज सिंह को जमानत मिल गयी. पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार व्यवसायी ने बताया कि गिरोह के प्रमुख आरोपी ने खुद को पुलिस की नजर से बचाने के लिए उसे मोहरा बनाया और उसका इस्तेमाल किया. पुलिस के मुताबिक, खड़दह से गिरफ्तार सूरज सिंह ने बताया कि वह दिल्ली में बैटरी बेचने का कारोबार करता था. दिल्ली में ही व्यवसाय करने के दौरान उसकी मुलाकात एक व्यक्ति के साथ हुई थी. पहले कुछ दिनों में उसके पास से उस व्यक्ति ने काफी बैटरी खरीदी थी, जिससे उस व्यक्ति पर उसे विश्वास हो गया था.

हाल ही में कोलकाता के करया थानाक्षेत्र में स्थित पाम एवेन्यू के निवासी 71 वर्षीय वृद्ध से एक करोड़ की ठगी हुई थी. इसकी जांच करने पर पुलिस ने खड़दह से सूरज सिंह नाम के शख्स को गिरफ्तार किया. कथित तौर पर उनके खाते में ठगी की राशि में से 55 लाख रुपये जमा हुए थे. आरोपी से पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि वह असल में एक ईमानदार बिजनेसमैन है. उनका दिल्ली में श्यामसुंदर इंटरप्राइजेज नाम से बैटरी का कारोबार है. पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को बताया कि दिल्ली में उसकी दुकान से खरीदार बनकर कई चरणों में एक व्यक्ति ने बैटरियां खरीदी थीं. गिरफ्तार व्यवसायी का आरोप है कि इस तरह विश्वास हासिल करने के बाद अचानक एक शनिवार को वह व्यक्ति उससे बैटरियां खरीदा और उससे कहा कि बैंक बंद होने के कारण वह रुपये का भुगतान नहीं कर पा रहा है. इसके बाद सूरज के बैंक खाते का नंबर लेकर उस व्यक्ति ने 55 लाख रुपये जमा कराये गये. लेकिन कारोबारी का कहना है कि उसे यह नहीं पता था कि उसके अकाउंट में भेजी गयी राशि धोखाधड़ी की है. सूरज ने जांचकर्ताओं को सबूतों के साथ उस खरीदार के साथ लेनदेन का सारा विवरण दिखाया. इसके बाद वह कोर्ट गये और ठगी के शिकार वृद्ध को एक करोड़ 10 लाख का चेक दे दिया. कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह दिल्ली गये और वहां उनके साथ धोखाधड़ी की अलग से शिकायत दर्ज करायी. यह जानकारी लालबाजार की तरफ से दी गयी है.

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