Nag Panchami 2024: नाग पंचमी का त्योहार इस साल 9 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिन भक्त नाग देवता को दूध चढ़ाते हैं, और उनका आर्शीवाद लेते हैं. लोग मंदिरों में जा-जाकर भगवान शिव के साथ उनकी भी पूजा करते हैं. यहां हम ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां के दर्शन मात्र से पाप का नाश होता है. इसके अलावा यहां के दर्शन से कालसर्प के दोष (Kalsarp Dosh) से भी मुक्ति मिलती है.
क्या है मान्यता
ऐसी मान्यता है कि नागराज वासुकी मंदिर में जातक स्वयं पूजा-पाठ का सामान ले जाकर काल सर्प दोष से मुक्ति पाया जा सकता है. इसके लिए आपको प्रयाग के संगम में स्नान करना होगा, इसके बाद वासुकी नाग मंदिर में मटर, चना, फूल, माला और दूध के साथ जाएं और वासुकी नाग के दर्शन करें. इसके बाद भगवान से कालसर्प दोष से मुक्ति की प्रार्थना करें.
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कहां स्थित है नागवासुकि मंदिर ?
नागवासुकि मंदिर दारागंज मोहल्ले के उत्तरी छोर पर गंगा के किनारे स्थित है. इस मंदिर में नागवासुकि देव का पूजन होता है. नागवासुकि को शेषराज, सर्पनाथ, अनंत और सर्वाध्यक्ष कहा गया है.
कुष्ठ रोग से मिली थी मुक्ति
एक कहानी के अनुसार एक मराठा राजा को कुष्ठ रोग हो गया था, उन्होंने नाग वासुकी मंदिर में प्रार्थना कि यदि उनका कुष्ठ रोग ठीक हो गया तो वह मंदिर का जीर्णोद्धार कराएंगे. इसके बाद कुछ दिनों के बाद ही उन्होंने नाग वासुकी मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया.
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