– गंगा किनारे कटाव से सहमे लोग, बचाव की मांग शुरू
मुंगेरमुंगेर में गंगा के जलस्तर में लगातार बढोतरी जारी है. जिसके कारण बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. क्योंकि गंगा का जलस्तर तेजी से वार्निग लेवल की और बढ़ती जा रही है. मंगलवार की शाम 37.13 सेंटीमीटर को जलस्तर ने पार कर लिया है. वहीं कटाव भी तेजी से बढ़ने लगा है. जबकि गंगा से सटे नीचले इलाके के खेतों में धीरे-धीरे पानी का दबाव बढ़ने लगा है. बढ़ते बाढ़ की संभावनाओं और कटाव से लोग दहशत में आ गये है और उससे बचाव की तैयारी भी शुरू कर दिया है.
37.13 मीटर पर पहुंचा गंगा का जलस्तर
गंगा के बढते जलस्तर को देखने से संभावित बाढ़ से इंकार नहीं किया जा सकता है. मंगलवार की सुबह 7 बजे गंगा का जलस्तर 36.85 मीटर पर था. जो अपराह्न 2 बजे 37.08 मीटर पर पहुंच गया. जबकि अपराह्न 4 बजे 37.13 मीटर पहुंच गया था. जो वार्निग लेवल से मात्र 1.20 सेंटीमीटर कम है. केंद्रीय जल आयोग की माने तो प्रतिघंटा 3 से 4 सेंटीमीटर के हिसाब से जलस्तर में वृद्धि हो रही है. जबकि एक-दो दिनों तक इसी हिसाब से गंगा के जलस्तर में वृद्धि की संभावना व्यक्त की गयी है. विदित हो कि मुंगेर में वार्निंग लेवल 38.33 मीटर है, जबकि डेंजर लेवल 39.33 मीटर पर है और उच्च बाढ़ का लेवल 40.99 रहा है.
कटाव से आवाम परेशान, बचाव की मांग
गंगा के जलस्तर में बढोतरी के साथ ही कटाव भी शुरू हो गया है. सदर प्रखंड के करारी इलाके सीताकुंड डीह, मनियाचक में तेजी से कटाव हो रहा है. कटाव रोकने के लिए दिये गये जिओ बैग भी कटाव की चपेट में आ रही है. तीन दिन पूर्व राज्य के पंचायती राज मंत्री सह मुंगेर के प्रभारी मंत्री केदार प्रसाद ने नाव से कटाव क्षेत्र का जायजा लिया और जिओ बैग देकर कटाव रोकने का निर्देश दिया. इतना ही नहीं कुतलुपुर दियारा में कटाव की रफ्तार कुछ अधिक ही तेज है. जिसके कारण आम लोग दहशत में आ गये है. हालांकि प्रशासनिक स्तर पर कटाव वाले गांव के पास बाढ़ व कटाव की रोकथाम के लिए जिओ बैग व बांस की बाड़ लगाने का काम चल रहा है. इसके अलावे टीकरामपुर व चंडीस्थान गंगा घाट के किनारे भी धीरे-धीरे कटाव शुरू हो गया है. कटाव वाले क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों एवं आम लोगों ने कटाव पर नियंत्रण के लिए प्रशासन से गुहार लगाया है.
गंगा से सटे नीचले इलाकों के खेतों में फैलने लगा पानी
गंगा के जलस्तर में बढोतरी के कारण गंगा से सटे क्षेत्रों में पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है. गंगा से सटे नीचले इलाकों के खेतों में भी पानी का प्रवेश शुरू हो गया. सीताचरण दियारा क्षेत्र के खेतों में तो पानी का प्रवेश हो चुका है. जबकि अन्य नीचले इलाकों में पानी का प्रेशर बढ़ रहा है. दियारा क्षेत्र के लोगों की माने तो अगर दो-तीन दिन तक गंगा में पानी बढ़ने का रफ्तार यहीं रहा तो न सिर्फ नीचले इलाकों के खेतों में पानी घुस जायेगा. बल्कि बाढ़ की भी स्थिति उत्पन्न हो जायेगा और लोगों को गांव-घर छोड़ कर पलायन करना पड़ जायेगा.
चिकदह बहियार में घुसने लगा गंगा का पानी
सदर प्रखंड के बरदह और सीताकुंड डीह गांव के सीमाने पर गंगा से सटा एक बड़ा नाला है. जो मछली मारने के लिए रखा गया है. गंगा में जलस्तर का दबाव बढ़ते ही इस बड़े नालों में धीरे-धीरे पानी प्रवेश करने लगा है. जिसके कारण धीरे-धीरे चिकदह बहियार में गंगा के पानी का फैलाव होने लगा है. गंगा में जलस्तर के बढ़ने की रफ्तार यही रही तो चिकदह बहियार पुरी तरह से जलमग्न हो जायेगा और खेतों में लगा फसल बर्बाद हो जायेगा.
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