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गैर संचारी रोगों से संबंधित क्लीनिक एवं गतिविधियों में शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति को ले हुई समीक्षा बैठक

गैर संचारी रोग (नन कम्युनिकेबल डिजीज) जो संक्रामक नहीं होते हैं. लेकिन इससे पीड़ित मरीज को समय से बेहतर इलाज नहीं मिल पाता है, तो उनकी मौत हो सकती है. ऐसे मरीजों को एनसीडी क्लिनिक के माध्यम से जहां नियमित जांच होगी, वहीं उपचार के साथ-साथ दवा की भी सुविधा प्रदान की जाएगी.

कैंसर, रक्तचाप, मधुमेह, मोतियाबिंद, अल्जाइमर, हृदय रोग जैसी बीमारियां हैं प्रमुख गैर संचारी रोग किशनगंज.गैर संचारी रोग (नन कम्युनिकेबल डिजीज) जो संक्रामक नहीं होते हैं. लेकिन इससे पीड़ित मरीज को समय से बेहतर इलाज नहीं मिल पाता है, तो उनकी मौत हो सकती है. ऐसे मरीजों को एनसीडी क्लिनिक के माध्यम से जहां नियमित जांच होगी, वहीं उपचार के साथ-साथ दवा की भी सुविधा प्रदान की जाएगी. यह क्लिनिक राष्ट्रीय असंचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत संचालित किए जा रहे हैं. सरकार की ओर से गैर संचारी रोगों की रोकथाम के लिए एनसीडी कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिले के सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्रों में एनसीडी विभाग का संचालन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है. जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी की पहल जारी है. इसे लेकर जिला पदाधिकारी श्री तुषार सिंगला के दिशा-निर्देश के आलोक में स्वास्थ्य संस्थानों का नियमित निरीक्षण व अनुश्रवण पर विशेष जोर दिया जा रहा है. इसी क्रम में कार्यक्रम शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति को लेकर जिले के पोठिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी की अध्यक्षता में की गई .जिसमे उन्होंने बताया की आम तौर पर शुरुआती दौर में कोई भी बीमारी बेहद सामान्य दिखती है. लेकिन बीतते समय के साथ ये गंभीर रूप लेने लगता है. किसी तरह की शारीरिक समस्या को देर तक टालने का परिणाम लोगों को देर-सबेर भुगतना ही पड़ता है. इसलिये रोग संबंधी किसी लक्षण की तत्काल पहचान कर इसका समुचित इलाज कराया जाये. उक्त बैठक एमओआईसी सहित स्वास्थ्य केंद्र के सभी कर्मी उपस्थित थ.

सभी गैर संचारी रोगियों तक आवश्यक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश

कार्यक्रम में जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने स्वास्थ्य संस्थानों में गैर संचारी रोगों से सुरक्षा के लिए संचालित क्लीनिक में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली. उन्होंने बताया कि गैर संचारी रोगों से सुरक्षा के लिए जिले के सभी प्रखंडों में एनसीडी क्लीनिक संचालित की जा रही है. उक्त क्लीनिक में एनसीडी के सभी मरीजों की नियमित जांच करने के साथ उन्हें आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं. जिले के कुछ प्रखंडों के प्रदर्शन को बेहतर माना गया है जबकि अन्य प्रखंडों को आवश्यक कार्य करने का निर्देश दिया गया. आवश्यक दवाइयां समय पर उपलब्ध कराते हुए गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए राज्य सरकार द्वारा चिह्नित प्रमुख अस्पतालों में भेजने का निर्देश दिया गया. निरीक्षण के क्रम में अस्पताल की साफ-सफाई के इंतजाम में सुधार व ओपीडी में हर दिन लगने वाली भीड़ को देखते हुए इलाज के लिये आने वाले मरीज व उनके परिजनों के बैठने के समुचित इंतजाम सुनिश्चित कराने का आदेश अस्पताल प्रबंधक को दिया गया है. प्रसव सेवाओं की बेहतरी व ओपीडी सेवाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के लिये निर्देशित किये जाने की जानकारी उन्होंने दी.

कैंसर, रक्तचाप, मधुमेह, मोतियाबिंद, अल्जाइमर, हृदय रोग जैसी बीमारियां हैं प्रमुख गैर संचारी रोग

गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि आम तौर पर लोगों को होने वाली प्रमुख बीमारियों में गैर संचारी रोग प्रमुख होता है. इसमें मुख्य रूप से कैंसर, उच्च व निम्न रक्तचाप, मधुमेह, मोतियाबिंद, अल्जाइमर, हृदय रोग से सम्बंधित बीमारियां प्रमुख होती हैं . इन बीमारियों के बारे में लोगों को बहुत देर से पता चलता है. इसलिए लोगों को इससे सुरक्षित रहने के लिए नियमित रूप से एनसीडी क्लीनिक में जांच कराते हुए मेडिकल सुविधा का लाभ उठाना चाहिए. संक्रामक के साथ हीं गैर संचारी रोगों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है.

नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच जरूरी

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि तीस वर्ष से अधिक आयु के लोगों को विभिन्न तरह के गैर संचारी रोगों की चपेट में आने की संभावना अधिक होती है. लिहाजा इससे अधिक उम्र के लोगों को नियमित रूप से अपनी स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिये. इस संबंध में जिला समन्वयक गैर संचारी रोग नवाज शरीफ ने बताया कि जिले के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है. सदर अस्पताल में तो इसके लिये अलग से इंतजाम उपलब्ध है. इसके अलावा सभी पीएचसी व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, जहां ओपीडी सेवा उपलब्ध है, वहां भी जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है. गैर संचारी रोग पदाधिकारियों को गैर संचारी रोगों की जांच के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष मेडिकल किट उपलब्ध करायी गयी है. इसमें ब्लडप्रेशर जांच मशीन, ग्लूकोमीटर सहित अन्य जांच उपकरण शामिल हैं. जांच में रोग की पुष्टि होने पर रोगियों को संबंधित दवाएं मुफ्त में उपलब्ध करायी जाती हैं.

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