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पूर्व मुखिया की हत्या में ठेकेदारी व भूमि की अदावत तलाश रही पुलिस, बेटे पर भी हो चुका है हमला

शहर के बानुछापर रेलवे गुमटी के समीप गोली मार पूर्व मुखिया जितेंद्र सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है.

बेतिया. शहर के बानुछापर रेलवे गुमटी के समीप गोली मार पूर्व मुखिया जितेंद्र सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है. मामले में पुलिस ने एक संदिग्ध को भी उठाया है. जिससे पूछताछ की जा रही है. पुलिस सूत्रों की माने तो पूर्व मुखिया की हत्या करने आये बाइक सवार अपराधियों की मंशा मर्डर की ही थी. लिहाजा डेढ़ दर्जन से अधिक गोलियां मारी गईं. फिलहाल पुलिस इस हाई प्रोफाइल मर्डर की गुत्थी सुलझाने में जुट गई है. पुलिस का दावा है कि जल्द ही वह इस वारदात का खुलासा कर देगी.

इधर, पूर्व मुखिया की हत्या मामले में एसपी ने एसडीपीओ के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर दिया है. इसमें मुफस्सिल थानाध्यक्ष अभिराम सिंह के अलावे अन्य आधा दर्जन पुलिस पदाधिकारी शामिल किये गये हैं. हालांकि जितेंद्र सिंह की हत्या के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है. परिजनों की ओर से भी कोई आवेदन अभी तक पुलिस को नहीं दिये गये है. पुलिस भी विभिन्न पहलूओं पर सूक्ष्मता से जांच में जुटी है. सूत्रों की माने तो पुलिस जितेंद्र सिंह की हत्या में ठेकेदारी और भूमि विवाद की अदावत तलाश रही है. पुलिस को अंदेशा है कि ठेकेदारी या भूमि के विवाद में ही हत्या हुई होगी. हालांकि अन्य भी बिन्दुओं पर पुलिस की जांच जारी है. बता दें कि जितेंद्र सिंह मझौलिया के महनागनी पंचायत के पारस पकड़ी के निवासी थी और वर्तमान में बानुछापर में रहते थे. जितेंद्र वर्ष 2001 से 2006 और 2016 से 2021 तक महनागनी से मुखिया थे. अभी ठेकेदारी और प्रॉपर्टी डीलर का कार्य करते थे. हरिओम ट्रेवेल्स के मालिक भी थे. ग्रामीणों के अनुसार दो दशक पहले वें स्मगलिंग के आरोप में जेल जा चुके थे.

ठेकेदारी विवाद में बेटे को मारी गई थी चाकू

करीब दो वर्ष पूर्व उनके ठेकेदारी मामले में ही टेंडर विवाद में जितेंद्र सिंह के बड़ बेटे रिशु सिंह को चाकू मारकर जख्मी कर दिया गया था. रिशु को पीडब्लूडी कार्यालय के समीप ही चाकू मारी गई थी. बता दें कि जितेंद्र के दो बेटे में रिशु बड़े हैं. फिलहाल वें बैंगलोर में जॉब करते हैं. छोटा बेटा दिल्ली में सिविल सेवा की तैयारी करता है. जानकार बताते है कि जितेंद्र गाहे बेगाहे जमीन का कारोबार भी कर रहे थे. चिमनी संचालन के साथ हीं उनका ट्रांस्पोर्ट का भी कारोबार था.

जहां बरसीं दर्जनों गोलियां, वहां से महज 100 मीटर दूर है रेल थाना

जानकारों की मानें तो घटनास्थल पर अपराधियों की ओर से डेढ़ दर्जन से अधिक गोली चलायी गयी. घटनास्थल से महज 100 मीटर की दूरी पर हीं रेलवे थाना भी है तो दूसरी ओर घटनास्थल से महज 50 मीटर की दूरी पर हीं एनएच है. इसके किनारे कुछ दुकानें तो बंद हो गयी थी लेकिन अभी भी कुछ दुकानें खुली थी. लेकिन पुलिस के आने के पहले हीं सभी लोग अपनी अपनी दुकानों का शटर गिराकर भाग खड़े हुए. केवल नजदीक के एक दुकान पर पहुंच पुलिस ने वहां पूछताछ की, लेकिन उसने भी अपराधियों को पहचान पाने में अपनी अनभिज्ञता जाहिर की.

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