पिपरा. कई वर्ष पूर्व बना पिपरा का प्रखंड सह अंचल कार्यालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. जब से प्रमुख बनने की परंपरा प्रखंड में कायम हुआ है, तब से लेकर आज तक प्रखंड प्रमुख बनते ही सबसे पहले पंचायत समिति के फंड से प्रखंड सह अंचल कार्यालय का मरम्मत और रंग रोगन कर इसे नये रूप में दिखाने का प्रयास करते हैं. जबकि माजरा यह है कि भवन का छत पूरी तरह डैमेज हो चुका है. बरसात के दिनों में छत से पानी टपकता रहता है. जिससे कार्यालय में काम करने वाले कर्मी सहित प्रखंड क्षेत्र से आने वाले ग्रामीणों के बीच हादसे की आशंका बनी रहती है.छत से गिरा था सीमेंट का टुकड़ाहाल के दिनों में छत से सीमेंट का एक बड़ा टुकड़ा नीचे गिरा. संयोग था कि उस वक्त कार्यालय में ना तो कोई कर्मी थे और ना ही कोई ग्रामीण. नहीं तो बड़ा हादसा होने से कोई नहीं रोक सकता. छत से पानी टपकने से प्रखंड सह अंचल का कई महत्वपूर्ण कागजात पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. प्रखंड सह अंचल कार्यालय बनने के साथ ही पांच आवासीय परिसर भी बने थे, जिसमें एक प्रखंड विकास पदाधिकारी, दूसरा प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी सहित तीन प्रखंड सह अंचल कर्मी के लिए बने थे, जो आज रहने लायक नहीं है. वर्तमान में अंचल अधिकारी किराये के मकान में रहने को मजबूर हैं. आज भी भवन के अभाव में पदाधिकारी से लेकर प्रखंड सह अंचल के कर्मी नहीं रहते हैं. सभी अपने-अपने गंतव्य से कार्यालय अवधि में पहुंचते हैं. फिर भी ना तो प्रशासन और ना ही जनप्रतिनिधियों इस ओर ध्यान देना मुनासिब समझते.
कहते हैं बीडीओ
इस संबंध में पूछे जाने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी शिवेश कुमार सिंह ने कहा प्रखंड सह अंचल कार्यालय का भवन जर्जर है. नये सिरे से भवन बनने को लेकर विभाग को लिखा गया है.
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