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14 घंटे बाद तालाब से मिला किशोर का शव, रात भर खोजते रहे परिजन

ग्रामीणों ने किया सड़क जाम, फंसे रहे स्कूली बच्चे

औरंगाबाद ग्रामीण. औरंगाबाद शहर के वार्ड नंबर 31 बैजनाथ बिगहा के समीप तालाब में डूबने से एक और बच्चे की मौत हो गयी. वैसे उसकी मौत देर शाम ही हो गयी थी, लेकिन घटना की जानकारी न तो उसके परिजनों को थी और न गांव वालों की. मृतक की पहचान बैजनाथ बिगहा निवासी गुड्डू कुमार के 10 वर्षीय पुत्र आयुष कुमार के रूप में हुई है. गौरतलब है कि सोमवार की शाम पोखर के समीप कुछ बच्चे फुटबॉल खेल रहे थे. किसी तरह गेंद पोखर में चली गयी. गांव के ही चार से पांच बच्चे गेंद निकालने के लिए पोखर में चले गये. तीन बच्चे निकल गये, लेकिन दो डूबकर लापता हो गये. कुछ देर बाद प्रमोद यादव के पुत्र राकेश यादव का शव तालाब से बरामद हुआ था. एक किशोर जो लापता हो गया था उसकी जानकारी किसी को नहीं थी. साथ में रहे बच्चों को लगा कि सिर्फ राकेश ही पोखर में डूबा है. इधर, आयुष जब रात में भी अपने घर नहीं पहुंचा, तो परिजन उसे खोजने लगे. गांव के लोगों को जानकारी दी, जिसके बाद गांव वाले भी उसकी खोजबीन करने लगे. संदेह के आधार पर पोखर के किनारे-किनारे भी रात में खोजा. गांव वालों ने प्रशासन को जानकारी दी कि गोताखोर के माध्यम से तालाब की छानबीन करायी जाये,लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. पूरी रात परिजन व गांव वाले परेशान रहे. मंगलवार की सुबह कुछ लोगों की नजर तालाब में उतराते आयुष के शव पर पड़ी, जिसके बाद कोहराम मच गया. इधर तालाब में दो बच्चों की मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रशासन पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए मंगलवार की सुबह बैजनाथ बिगहा गांव के समीप औरंगाबाद-पोईवां पथ को जाम कर दिया. लगभग तीन घंटे तक सड़क को जाम रखा गया. ग्रामीणों का कहना था कि एक बच्चे के तालाब में डूबे होने की सूचना पर रात में अधिकारियों व पुलिस प्रशासन को कई बार फोन दी गयी, लेकिन किसी ने भी संज्ञान नहीं लिया. इतना ही नहीं गोताखोरों के नहीं रहने के बाद भी जब शव को बाहर निकाल लिया गया और पुलिस को जानकारी दी गयी, तो थानाध्यक्ष शव लेकर नगर थाने में आने की बात कह डाली. प्रशासन की संवेदनहीनता को दर्शाता है. हालांकि कुछ पुलिस कर्मियों को रात में भेजकर खानापूर्ति की गयी थी. सड़क जाम के दौरान ग्रामीण मृतकों के आश्रित को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे. इधर, 14 घंटे बाद शव मिलने की जानकारी प्राप्त होते ही जिला पार्षद अनिल यादव, राजद नेता डॉ रमेश यादव, उदय उज्ज्वल घटनास्थल पर पहुंचे और परिजनों को ढांढ़स बंधाया. यह घटना हृदय विदारक है. ग्रामीण प्रशासनिक पदाधिकारियों के रवैये से काफी नाराज हैं. उन्होंने बताया कि ग्रामीण रात से ही गोताखोरों की मांग करते रहे .घटनास्थल पर अधिकारियों के आने का आग्रह करते रहे, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. अंततः स्थानीय लोगों ने खुद तालाब में घुसकर बच्चे के शव को निकाला. इधर, सड़क जाम की वजह से कई स्कूलों के वाहन फंसे रहे. विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. जैसे-तैसे मामला शांत हुआ. दो बच्चों की मौत के बाद आक्रोशितों के आक्रोश का सामना सदर प्रखंड के बीडीओ को करना पड़ा. जानकारी मिली कि जाम की सूचना मिलते ही बीडीओ रमन सिन्हा पहुंचे और आक्रोशितों को समझा-बुझाकर शव उठाने का प्रयास करने लगे. इसी बीच सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन कर रहे लोगों का आक्रोश और भड़क गया. कहा कि विभागीय प्रक्रिया यही पूरी हो और मुआवजा का भुगतान इसी जगह पर करें. बाद में नियम का हवाला देकर दौड़ाया जाता है. बीडीओ ने वरीय अधिकारियों को ग्रामीणों की बात से अवगत कराया. बीडीओ ने कहा कि बहुत जल्द मुआवजा भुगतान किया जायेगा. वैसे राजद नेताओं ने भी ग्रामीणों को शांत कराने में भूमिका निभायी.

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