रांची. सीएमपीडीआइ का मयूरी सभागार मंगलवार को कथक की थाप से गूंज उठा. शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों को गुरु-शिष्य परंपरा की अनुभूति करायी. मेघालय तीन ताल, मेघ सरगम और ध्रुतलय तीनताल पर कथक साधकों के थिरकते पैरों ने कथक की प्रस्तुति को दिल में उतार दिया. तबला, पखावज और झांझ की तिगलबंदी पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुति हुई. कोलकाता से पहुंचे कलाकारों ने कथक और शास्त्रीय नृत्य को अलग मुकाम पर पहुंचाया. मौका था 19वीं अनुभूति डांस फेस्टिवल का.
स्वर्गीय मंजू मलकानी की याद हुआ फेस्टिवल
स्वर्गीय मंजू मलकानी की याद में आयोजित डांस फेस्टिवल का आयोजन युवा रंगमंच और धारित्री कला केंद्र रांची की ओर से किया गया. इसमें कोलकाता की ख्याति प्राप्त नृत्यांगना मौली रॉय चौधरी, सुब्रत पंडित और संदीप सरकार ने एक घंटे तक कथक की शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इसके अलावा धारित्री कला केंद्र के साधकों ने गुरु वंदना, आज फागुन… पर बांग्ला लोक नृत्य, बरखा की रूत आयी…, तराना और ठुमरी की प्रस्तुति दी. धारित्री कला केंद्र की निर्देशिका गार्गी मलकानी की अध्यक्षता में कार्यक्रम ने शास्त्रीय नृत्य का रंग बिखेरा.
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