रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस सुभाष चंद की अदालत ने चालान से जुड़े लगभग 781.39 करोड़ की जीएसटी धोखाधड़ी मामले में आरोपी सुमित गुप्ता की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने इस दाैरान प्रार्थी व प्रतिवादी का पक्ष सुनने के बाद जमानत देने से इनकार कर दिया तथा याचिका खारिज कर दी. अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि देश का एक साधारण व्यक्ति भी राष्ट्र व राज्य के निर्माण और विकास के लिए केंद्र तथा राज्य सरकार के सीजीएसटी व एसजीएसटी का भुगतान कर रहा है, लेकिन प्रार्थी जैसे व्यक्ति जो सफेदपोश अपराधी हैं, वे देश और राज्य के विकास में बाधा डालते हैं. साथ ही फर्जी फर्म बना कर जालसाजी करते हैं. इसने व्यक्तिगत लाभ के लिए योजनाबद्ध तरीके से सार्वजनिक धन को हानि पहुंचा कर राष्ट्र और राज्य की अर्थव्यवस्था प्रभावित की है. समाज के ऐसे सफेदपोश अपराधियों को आंख खोलनेवाला संदेश भेजने के लिए अलग दृष्टिकोण से निपटा जाना चाहिए. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से जमानत देने का आग्रह किया गया. इसका विरोध सीजीएसटी की ओर से अधिवक्ता पीएएस पति ने किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सुमित गुप्ता ने जमानत याचिका दायर की थी. उस पर जीएसटी चोरी के आरोप में मामला दर्ज है.
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