शादी का प्रलोभन देकर नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के एक मामले में मंगलवार को पोक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदालत ने बरवाअड्डा निवासी मुजरिम प्रकाश रजवार को 20 वर्ष कैद व 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनायी है. पांच अगस्त को अदालत ने उसे दोषी करार दिया था. प्राथमिकी पीड़िता की शिकायत पर गोविंदपुर थाने में 26 मार्च 2022 को दर्ज की गयी थी. आरोप लगाया था कि 19 मार्च 2022 को प्रकाश ने उसे प्रलोभन दिया कि वह उससे शादी करेगा और उसे साहिबगंज के एक शिव मंदिर में ले गया. उसकी मांग में जबरन सिंदूर डाल दिया फिर उसके साथ दुष्कर्म किया और वहां से भाग गया. अनुसंधान के बाद पुलिस ने 16 मई 2022 को प्रकाश के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. 30 मई 2022 को आरोप तय होने के बाद सुनवाई शुरू हुई थी. अभियोजन ने इस मामले में चार गवाहों का मुख्य परीक्षण कराया था.
नाबालिग से दुष्कर्म में दोषी करार :
काम दिलाने का झांसा देकर यूपी निवासी नाबालिग से दुष्कर्म करने के आरोपी बरवाअड्डा निवासी संतोष हाड़ी व पीरटांड़ गिरिडीह निवासी गीता देवी को पोक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदालत ने मंगलवार को दोषी करार दिया है. सजा पर फैसला सात अगस्त को होगा. प्राथमिकी पीड़िता की शिकायत पर बरवाअड्डा थाने में नौ दिसंबर 2023 को दर्ज की गयी थी. इसके मुताबिक पांच दिसंबर 2023 को पीड़िता अपने घर से भागकर बनारस आ गयी थी. वहां एक होटल में काम कर रही थी. सात दिसंबर 2023 को पीड़िता बनारस से धनबाद आ गयी. यहां उसे गीता देवी मिली. गीता पीड़िता को लेकर बरवाअड्डा अपने घर लेकर आयी और उसे वहां छोड़कर कहीं चली गयी. पीड़िता ने आरोप लगाया था कि वहां संतोष हाड़ी, जो पहले से मौजूद था, ने उसके साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता ने आरोप लगाया कि गीता उसके साथ दुष्कर्म करवाने के लिए ही उसे अपने घर ले गयी थी. फिर गीता ने उसे रेलवे स्टेशन लाकर छोड़ दिया था. यहां से रेलवे पुलिस ने पीड़िता को बाल गृह में रखवाया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है