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UP News: बांग्लादेश मामले में सीएम योगी का बयान, हिंदुओं को चुन-चुनकर बनाया जा रहा निशाना

UP News: अयोध्या में परमहंस रामचंद्र दास की मूर्ति के अनावरण के मौके पर बांग्लादेश की घटना पर सीएम योगी ने कहा कि पड़ोस जल रहा है. हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है.

अयोध्या: यूपी (UP News) के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बांग्लादेश में हो रहे घटनाक्रम को लेकर कहा है कि भारत का पड़ोस जल रहा है, मंदिर तोड़े जा रहे हैं. हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है. सनातन धर्म पर आने वाले संकट के लिए फिर एकजुट होकर कार्य करने और लड़ने की आवश्यकता है. वो बुधवार को अयोध्या में परमहंस रामचंद्र दास की मूर्ति के अनावरण मौके पर लोगों को संबोधित कर रहे थे.

राम मंदिर का निर्माण मंजिल नहीं पड़ाव

सीएम योगी ने कहा कि आज दुनिया की तस्वीर हम सभी देख रहे हैं. तब भी हम इतिहास के तथ्यों को ढूंढने का प्रयास नहीं कर रहे कि वहां ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति क्यों पैदा हुई है? जो समाज इतिहास की गलतियों से सबक नहीं सीखता है, उसके उज्ज्वल भविष्य पर भी ग्रहण लगता है. राम मंदिर का निर्माण मंजिल नहीं, पड़ाव है. इसे आगे भी निरंतरता देनी है. सनातन धर्म की मजबूती इन अभियानों को नई गति देती है.

परमहंस रामचंद्र की मूर्ति का किया अनावरण

श्रीराम जन्मभूमि न्यास के पूर्व अध्यक्ष परमहंस रामचंद्र दास (Paramhans Ramchandra Das) की 21वीं पुण्यतिथि के मौके पर सीएम योगी दिगंबर अखाड़ा में थे. उन्होंने परमहंस रामचंद्र दास की मूर्ति का अनावरण किया. पूजन-अर्चन व पौधरोपण भी किया. इसके बाद सीएम ने साधु-संतों के साथ भंडारे में प्रसाद भी ग्रहण किया. सीएम ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के परम भक्त पूज्य परमहंस रामचंद्र दास का पूरा जीवन रामजन्मभूमि के लिए समर्पित रहा. उन्होंने इस आंदोलन को जीवन का मिशन बनाया. संतों का संकल्प एक साथ एक स्वर में बढ़ा तो अयोध्या में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ. मेरा सौभाग्य है कि 21 वर्ष बाद ही सही, उनकी प्रतिमा के स्थापना का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ है.

गोरक्षपीठ व दिगंबर अखाड़ा एक दूसरे के पूरक

सीएम योगी ने कहा कि गोरक्षपीठ गोरखपुर और दिगंबर अखाड़ा अयोध्या 1940 के दशक से एक दूसरे के पूरक बनकर कार्य करते थे. जब रामचंद्र दास महराज बचपन में अयोध्या धाम आए थे, तबसे उनका लगाव गोरक्षपीठ से था. तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ के सानिध्य में रहकर रामजन्मभूमि आंदोलन आगे बढ़ा. 1949 में रामलला के प्रकटीकरण के साथ ही तत्कालीन सरकार द्वारा प्रतिमा को हटाने की चेष्टा के खिलाफ न्यायालय में जाने और वहां से सड़क तक इस लड़ाई को बढ़ाने का कार्य गोरक्षपीठ व पूज्य संत परमहंस रामचंद्र दास महराज ने मिलकर किया. इसी का परिणाम है कि पूज्य संतों की साधना फलीभूत हुई और 500 वर्षों का इंतजार समाप्त हुआ. अयोध्या में रामलला विराजमान हुए. अयोध्याधाम फिर से त्रेतायुग का स्मरण कराता दिख रहा है. यहां के संतों का गौरव बढ़ा और अयोध्या को नई पहचान मिली.

संतों ने बातचीत से समस्या का हल निकालने का भी किया था प्रयास

सीएम योगी ने कहा कि संतों ने बातचीत से समस्या का हल निकालने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन जब बातचीत के रास्ते समाप्त हो गए और सरकार की हठधर्मिता आड़े आने लगी तो पूज्य संतों ने लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष का रास्ता चुना. इसके बाद देश के अंदर मजबूती से आंदोलन आगे बढ़ा. मामला न्यायालय में गया तो भाजपा की डबल इंजन सरकार बनने के उपरांत समस्या के समाधान का मार्ग निकला. सीएम योगी ने कहा कि 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में पीएम मोदी ने अयोध्या में उच्चतम न्यायालय के आदेश के क्रम में भव्य मंदिर निर्माण कार्य का शिलान्यास व भूमि पूजन किया. 22 जनवरी 2024 को रामलला फिर से अयोध्या धाम में विराजमान हुए. जब 22 जनवरी 2024 को रामलला विराजमान हुए तो पूज्य संतों की आत्मा को शांति प्राप्त हुई.

कार्यक्रम ये थे मौजूद

कार्यक्रम में दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य महराज, राघवाचार्य महराज, धर्मदास जी महराज, विजय कौशल जी महराज, रामलखन दास जी महराज, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, मनोहर लाल ‘मन्नू कोरी’, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, वेद प्रकाश गुप्त, अमित सिंह चौहान, रामचंद्र यादव आदि मौजूद थे.

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