National Highways: देश में राष्ट्रीय राजमार्ग के विकास और रखरखाव का जिम्मा केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय का है. राष्ट्रीय राजमार्ग का विकास और रखरखाव समय-समय पर मंत्रालय की विभिन्न एजेंसी जैसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन, सीमा सड़क संगठन, सड़क निर्माण विभाग जैसी संस्था करती है. राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रैफिक के सुचारू संचालन के लिए मंत्रालय समय-समय पर रखरखाव का काम करता रहता है. सड़कों के चौड़ीकरण, ड्रेनेज सिस्टम को बेहतर बनाने और अन्य कमियों को दूर करने के लिए उठाए गए कदमों के कारण सड़कों को होने वाले नुकसान को दूर करने का काम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से किया जाता है.
डीपीआर के दौरान सभी पहलुओं पर किया जाता है गौर
यही नहीं राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए डीपीआर तैयार करने के दौरान इलाके में बारिश, बाढ़ के हालात, भौगोलिक स्थिति, स्वाइल की स्थिति को विस्तृत अध्ययन किया जाता है. डीपीआर के आधार पर ही राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के दौरान ड्रेनेज सिस्टम, छोटे पुल का निर्माण काम होता है. मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्ग के रखरखाव के लिए एक प्रक्रिया का निर्माण किया है और पुलों के रखरखाव के लिए के लिए एक जिम्मेदार एजेंसी बनायी गयी है. राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में लगी कंपनियों को तय समय में रखरखाव का काम करना होता है. पिछले साल राष्ट्रीय राजमार्ग के रखरखाव को लेकर 6523 करोड़ रुपये खर्च किया गया था.
सड़क हादसे में हर साल लाखों लोगों को गंवानी पड़ती है जान
देश में सड़क हादसे के कारण हर साल लाखों लोगों को जान गंवानी पड़ती है. हालांकि सरकार की ओर से सड़क हादसे रोकने के लिए के लिए कई कदम उठाए गए हैं. सड़कों की डिजाइन बेहतर करने के साथ ही ब्लैक स्पॉट की पहचान कर उसे दूर करने का प्रयास किया गया है. लेकिन सड़क हादसों में उल्लेखनीय कमी नहीं हो पायी है. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2018 में देश में 470403 सड़क हादसे के मामले सामने आए, जिसमें 157593 लोगों को जान गंवानी पड़ी और 464715 लोग घायल हुए. वर्ष 2022 में देश में 464312 सड़क हादसे सामने आये, जिसमें 168491 लोगों को जान गंवानी पड़ी और 443366 लोग घायल हुए. अगर सड़क हादसों की बात करें तो वर्ष 2022 में कुल 464312 सड़क हादसों में से राष्ट्रीय राजमार्ग पर 151997 हादसे हुए, जिसमें 61038 लोगों को जान गंवानी पड़ी. देश में कुल सड़क हादसे में से राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने वाले हादसे की संख्या 32.94 फीसदी और मौत का आंकड़ा 36.22 फीसदी रहा है. राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी.