प्रतिनिधि, मुंगेर. अनुकंपा पर नियुक्ति की मांग को लेकर भूखे-प्यासे विश्वविद्यालय के बाहर आमरण अनशन पर बैठे अनुकंपा आश्रितों की हालत तीसरे दिन बुधवार को बिगड़ गयी. इसमें से एक अनुकंपा आश्रित की स्थिति बिगड़ने के बाद उसे इलाज के लिये सदर अस्पताल ले जाया गया. इस बीच तीसरे दिन कुलपति प्रो. श्यामा राय ने अनुकंपा आश्रितों से मुलाकात की, लेकिन अनुकंपा आश्रित अपने नियुक्ति की मांग को लेकर अड़े रहे. अनुकंपा आश्रितों ने बताया कि अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर पूर्व में भी 1 से 8 जुलाई तक विश्वविद्यालय के समक्ष धरने पर बैठे थे. उस समय कुलपति व विधायक द्वारा एक सप्ताह में प्रक्रिया पूर्ण होने का आश्वासन दिया गया था. जिसके बाद ही उनलोगों द्वारा धरना समाप्त किया गया था, लेकिन एक माह बाद भी अबतक विश्वविद्यालय द्वारा अनुकंपा पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की गयी है. इस कारण ही सभी अनुकंपा आश्रित विश्वविद्यालय के समक्ष आमरण अनशन पर बैठे हैं. आश्रितों ने बताया कि एक तो अनशन पर बैठने के बाद सोमवार की देर शाम उनलोगों को विश्वविद्यालय से बाहर निकाल दिया गया. जबकि अब विश्वविद्यालय द्वारा बताया जा रहा है कि अनुकंपा पर नियुक्ति को लेकर कमेटी की बैठक आयोजित किये जाने की स्वीकृति राजभवन से मांगी गयी है, स्वीकृति मिलने के बाद बैठक कर अनुकंपा आश्रितों की नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सालों से केवल आश्वासन ही दिया जा रहा है. साल 2022 में विश्वविद्यालय द्वारा अनुकंपा आश्रितों की नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण की गयी, लेकिन उसमें 15 आश्रितों का दस्तावेज सही होने के बावजूद भी केवल 6 अनुकंपा आश्रितों की ही नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण की गयी. इस बीच तीन दिनों से भूखे-प्यासे बैठे अनुकंपा आश्रितों की स्थिति बिगड़ने लगी है. गुरुवार को तबीयत बिगड़ने के बाद एक अनुकंपा आश्रित को सदर अस्पताल इलाज के लिये लाया गया.
कहती हैं कुलपति
कुलपति प्रो श्यामा राय ने बताया कि 20 जुलाई को विश्वविद्यालय द्वारा अनुकंपा कमेटी की बैठक आयोजित करने को लेकर राजभवन से स्वीकृति लेने को लेकर पत्र भेजा गया था. जिसके आश्वासन पर ही अनुकंपा आश्रितों द्वारा अपना धरना समाप्त किया गया था. राजभवन से अबतक बैठक की स्वीकृति नहीं मिली है. जिसे लेकर दोबारा राजभवन को पत्र भेजा गया है.
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