लखीसराय. साफ-सफाई एजेंसी के टेंडर की प्रक्रिया दो सप्ताह के बाद भी अभी तक पूरी नहीं हुई है. पुराने सफाई एजेंसी को ही एक महीने के लिए एक्सटेंशन कर उन्हें ही साफ-सफाई के कार्य का दायित्व सौंपा गया है जबकि उक्त एजेंसी पर पूर्व से ही जांच कमेटी बैठक हुई है. जिसमें डोर-टू-डोर साफ-सफाई के लिए टेंडर प्रक्रिया करायी गयी है लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है पिछले एक साल की अभी पूरा होने के बाद साफ-सफाई का टेंडर की सीमा समाप्त हो चुकी है. साफ-सफाई एजेंसी का पुनः टेंडर करने के लिए प्रक्रिया चालू रखी गयी थी हालांकि हाल ही के दिनों में नगर परिषद बोर्ड की बैठक में या निर्णय लिया गया कि जब तक साफ-सफाई का टेंडर प्रक्रिया पूरा नहीं हो जाता, तब तक पुराने एजेंसी के द्वारा ही साफ-सफाई कार्य कराया जायेगा. साफ-सफाई कार्य के लिए शहर के लोगों के अलावा नगर उपसभापति द्वारा भी गड़बड़ी को लेकर कई बार उंगलियां उठायी गयी है, यहां तक की डीएम एवं विभागीय अधिकारियों को एजेंसी के खिलाफ जांच करने के लिए अनुरोध किया गया है, नगर विकास एवं आवास विभाग में डीएम को पत्र लिखकर एजेंसी की जांच करने की अनुरोध किया है. डीएम रजनीकांत ने बताया कि साफ-सफाई एजेंसी के खिलाफ जांच जारी है, जांच रिपोर्ट आने पर नगर विकास एवं आवास विभाग को भेजा जायेगा.
नये अधिनियम में टेंडर की प्रक्रिया पटना से होने की कही जा रही बात
नगर परिषद के नये अधिनियम के तहत किसी भी विकास एवं साफ-सफाई बस पड़ाव आदि का टेंडर विभागीय अधिकारियों के द्वारा किए जाने की बात कही जा रही है. किसी भी टेंडर की प्रक्रिया को नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा कराया जायेगा, जिससे कि सभापति व उपसभापति एवं वार्ड पार्षदों में इस नियम को लेकर काफी रोष व्याप्त है.बोले अधिकारी
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि अब टेंडर की प्रक्रिया नगर परिषद लखीसराय से नहीं होकर विभागीय स्तर पर कराया जायेगा, इसलिए टेंडर प्रक्रिया रोक दिया गया है टेंडर प्रक्रिया करने के लिए विभाग को भेजा गया है.नगर परिषद के कार्यालय में गुरुवार को नहीं रहेंगे कर्मचारी
लखीसराय. नगर परिषद कमी गुरुवार को अपनी मांगों के समर्थन में पटना के लिए रवाना होंगे, यूनियन के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रदेश के आह्वान पर गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय को घेराव किया जायेगा. उन्होंने कहा कि इससे पूर्व जिला मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन कर सरकार को एक अल्टीमेट दिया गया था लेकिन सरकार उनकी एक भी नहीं सुनी, जबकि यूनियन के प्रदेश स्तर के नेताओं से विभागीय मंत्री से बातचीत की गयी थी, जिसमें आश्वासन मिला था कि उनकी मांगों पर विचार कर पूरी करने की कोशिश की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है