बछवाड़ा. गंगा नदी के जल स्तर में हो रही लगातार वृद्धि से दियारे इलाके की विशनपुर पंचायत के वार्ड छह जाने वाली सड़क पर पानी से आम लोगों के बीच दहशत का माहौल है. पंचायत के जिस सड़क पर दो दिन पूर्व आम लोग आसानी से आ जा रहे थे, धूल उड़ रही थी. आज उसी सड़क पर करीब दो फुट पानी हो जाने से आमलोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में परेशानी हो रही है. पानी में लगातार बढ़ोतरी होने से दियारे के प्रधानमंत्री सड़क समेत नीचले हिस्से में पानी भर गया है. जिसमें सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को हो रही है. दियारे के किसान रामबालक राय, जगीरपत राय, नरसिंह राय, हरिनंदन यादव, सुरेश राय, उपेंद्र यादव, अदालत राय, कृष्णनंदन यादव, शिवनंदन यादव, सूरो साह, लुच्चन राय, हरिष चौधरी, राम प्रीत राय का कहना है कि हमलोग किसान परिवार से है और हमलोगों कि जीविका का मुख्य साधन एक मात्र खेती है. जिस पर हमलोगों का परिवार निर्भर करता है. खेती से होने वाली आमदानी से हमलोग अपने परिवार में शादी, विवाह, घर बनाना, बच्चों की पढ़ाई, बीमार रहने पर इलाज समेत अन्य खर्च करते है. हमलोग महंगे दामों पर खोत जोत, मंहगे दामों पर बीज खरीद कर मकई, धान, मिर्च, सब्जी समेत मवेशी का चारा लगाते हैं. लेकिन प्रत्येक वर्ष गंगा नदी से होने वाले बाढ़ के कारण सभी फसल पानी में डूबकर बर्बाद हो जाते है. वर्तमान समय में सबसे बड़ी समस्या पशु चारा है. वर्तमान समय में महंगाई इतना बढ़ गया है कि गेंहू का भुसा एक हजार रुपये से अधिक प्रति क्विंटल मिल रहा है वो भी गंगा नदी में पानी आ जाने के कारण कोई भी चालक अपनी वाहन में भुसा लेकर दियारे इलाके में आना नही चाहता है.ऐसी स्थिति में किसानों के समक्ष मवेशी के लिए एक मात्र विकल्प हरा चारा रह जाता है. लेकिन गंगा नदी के जलस्तर में हो रही लगातार वृद्धि के कारण मवेशी चारे के लिए लगाये गये खेतो में जनेर, मेंथ,बाजरा सभी डुबने के कगार पर है, ऐसी स्थिति में किसानो को पशु चारा के लिए घंटो इंतजार कर नौका के सहारे गंगा पार कर दुर दराज इलाके से चारा का प्रबंध करना पड़ता है, लेकिन उस अल्प चारे से पशुओं के पेट की छुधा शांत नही होती है. चारा के अभाव में किसान आधे पेट खिलाकर ही किसी तरह पशु को जीवित रखने को विवश हो जाते हैं. बताते चलें कि दियारे के विशनपुर पंचायत के वार्ड 10 से लेकर वार्ड 15 तक छह वार्ड जाने वाली सड़कों पर बाढ़ का करीब दो फीट पानी आ जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. पानी का बहाव इतना तेज है कि एक जगह से दुसरे जगह जाने के दौरान थोरी सी चुक होने पर पानी से साथ ही लोगो को बह जाने का खतरा बना हुआ है. बाढ़ के समय घर के आसपास पानी रहने के कारण रात के समय हमेशा सांप,विषैले कीड़े,अवारा जानवर समेत अन्य प्रकार का खतरा बढ़ जाता है. उन्होंने बताया कि इसी तरह गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होता रहा तो एक से दो दिनों में ऐसी स्थिति हो जाएगी की जरूरत का समान लाने के लिए नौका का सहारा लेना पड़ेगा. तब जाकर जरूरत का समान उपलब्ध हो पायेगा. उन्होंने बताया कि आमलोगों को समस्या तो तब उत्पन्न होता है, जब किसी बीमार या गर्भवती महिला को प्रसव के लिए समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जाना होता है, उस समय एक मात्र नाव का सहारा होता है. वो भी समय से नाव उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में भारी फजीहत झेलना पड़ता है. वहीं विशनपुर पंचायत के मुखिया उदय कुमार राय ने बताया कि विशनपुर पंचायत के कई हिस्से में बाढ़ का पानी फैल गया है. इस कारण पंचायत के छह वार्ड का संपर्क भंग हो चुका है. गंगा के जल स्तर में इसी तरह बढ़ोतरी होती रही, तो एक से दो दिनों में दियारे पांच पंचायत को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क पर पानी फ़ैल जायेगा और आवागमन बंद हो जायेगा. उन्होंने कहा कि समय रहते स्थानीय प्रशासन बाढ़ राहत कार्य में नहीं जुटी, तो काफी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. उन्होंने स्थानीय प्रशासन समेत जिलाधिकारी से मांग करते हुए कहा कि गंगा नदी के जल स्तर में हो रही बढ़ोतरी को लेकर दियारे इलाके का जायजा लेते हुए विभिन्न पंचायत में नाव मुहैया कराया जाये, जिससे लोग जरूरत का समान आसानी से प्राप्त कर सके.
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