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Sipahi Bharti Fraud: कोचिंग सेंटर की आड़ में दो दशकों से चल रहा था सिपाही भर्ती फर्जीवाड़ा, लाखों की हो रही थी वसूली!

Sipahi Bharti Fraud: खगड़िया के परबत्ता में सिपाही भर्ती के नाम पर वर्षों से चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। दिवाकर कुमार नामक मास्टरमाइंड, कोचिंग सेंटर के जरिये सैकड़ों अभ्यर्थियों को ठगकर लाखों रुपये की अवैध वसूली कर रहा था.

Sipahi Bharti Fraud: जिले के परबत्ता नगर पंचायत क्षेत्र के रूपौहली नौरंगा स्थित चन्द्रकमल विवाह भवन में पकड़े गए. सिपाही भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले 70 अभ्यर्थियों से पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया. एसपी चंदन कुमार कुशवाहा के निर्देश पर परबत्ता थानाध्यक्ष अरबिंद कुमार दल बल के साथ विवाह भवन में छापेमारी की. जिसमें खगडिया, कटिहार, सहरसा, दरभंगा, समस्तीपुर, किशनगंज, पूर्णिया के अभ्यर्थी थे. सभी अभ्यर्थियों को पूछताछ के बाद परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया गया. एसपी ने बताया कि विभिन्न जिले में परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्र था.

Sipahi Bharti Fraud: अभ्यर्थियों से ठगी करने का मास्टर माइंड है दिवाकर व प्रिंस

बताया जाता है कि सिपाही भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को प्रश्न पत्र व उत्तर पुस्तिका उपलब्ध कराने के लिए परबत्ता के गोडियासी निवासी दिवाकर कुमार संपर्क करता था. एसपी ने बताया कि प्रिंस द्वारा विवाह भवन में फर्जी प्रश्न पत्र व उत्तर पुस्तिका उपलब्ध कराया था. परीक्षार्थियों से ठगी करने में भागलपुर के नीरज कुमार, रोहित चौधरी तथा कटिहार के अभिमन्यु कुमार व व्रजेश कुमार शामिल थे. परबत्ता के शंभू कुमार परीक्षार्थियों से प्रश्न पत्र के एवज में डील करता था.

Sipahi Bharti Fraud: कोचिंग सेंटर की आड़ में वर्षों से चल रहा था फर्जीवाड़ा का खेल

परबता के चन्द्रकमल विवाह भवन में सिपाही भर्ती परीक्षा के संभावित प्रश्नपत्र को हल कराते पकड़े गये मास्टर माइंड नयागांव गोढियासी निवासी दिवाकर कुमार द्वारा बीते दो दशक से विजन क्लासेज नाम से कोचिंग सेंटर चलाया जा रहा है. बताया जाता है कि इस कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले सौ से अधिक युवा अब तक सिपाही भर्ती की परीक्षा में पास कर चुके हैं. इनका तार बिहार के सभी जिलों में है.

दिवाकर कुमार के इस हुनर का लाभ उनके गांव गोढियासी के दर्जनों परिवारों को मिला. जिनके बच्चे सिपाही बनकर नौकरी कर रहे हैं. लेकिन उनके गांव के अभ्यर्थियों के लिए भी यह सेवा निःशुल्क नहीं थी. उन्हें भी साढे चार से छह लाख रुपये देना पड़ता था. इस क्रम में दो वर्ष पहले दूसरे के बदले में परीक्षा देती हुई उनके गांव की एक अभ्यर्थी गिरफ्तार हुई थी. परबता प्रखंड में यह सभी जानकारी सार्वजनिक है.

Sipahi Bharti Fraud: जालसाजी करने के मामले में पुलिस के रडार पर हैं कई लोग

परबत्ता सिपाही भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों को झांसा देकर फर्जीवाड़ा एवं ठगी करने के मामले में कई लोग पुलिस के रडार पर हैं. कोचिंग में दिवाकर सिपाही भर्ती की तैयारी के नाम पर छात्रों को बुलाया करता था. उन्हें प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने का झांसा देकर एक लाख रुपये लिए जाते थे. लिखित परीक्षा से ठीक पहले सभी छात्रों को नया मोबाइल नंबर खरीदकर उससे व्हाट्सएप बनाने को कहा जाता था. उस व्हाट्सएप नंबर का ग्रुप बनाया जाता था. लिखित परीक्षा से ठीक एक घंटा पहले उस ग्रुप पर सभी प्रश्नों का उत्तर उपलब्ध करा दिया जाता था. परीक्षा के बाद उस व्हाट्सएप को पूरी तरह डीलिट कर उस सिम को तोड़कर फेंक दिया जाता था. पेपर लीक में टेक्नोलॉजी के उपयोग की जांच ऐजेंसियों द्वारा ट्रेक किया जाने लगा तो मास्टरमाइंड दिवाकर ने तकनीक का उपयोग कम कर के इस काम को नये तरीके से करने की कोशिश किया.

Sipahi Bharti Fraud: कांवरियों को ठहरने के लिए बुक कराया गया था विवाह भवन

एसपी ने बताया कि दिवाकर द्वारा विवाह भवन को पांच हजार रुपये में कांवरियों ठहरने के लिए बुक कराया गया था. लेकिन दिवाकर विवाह भवन के अंदर फर्जीवाड़ा का खेल खेल रहा था. स्थानीय लोगों ने बताया कि सत्ता के करीबी होने से मिली सुरक्षा के अहसास ने परबत्ता थाना से मात्र पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित विवाह भवन में प्रश्न पत्र लीक कराने तथा उत्तर रटवाने का साहस दे दिया. जो भी परीक्षार्थी उनके इस ऑफर में शामिल होते थे उनका सभी प्रकार का मूल प्रमाणपत्र पहले ही जमा करवा लिया जाता था. लिखित परीक्षा में सफल होने पर उनसे पांच लाख रुपये लिए जाते थे. राशि नहीं दिये जाने की स्थिति में उनका मूल प्रमाणपत्र नहीं लौटाया जाता था. लिखित परीक्षा में पास होने के बाद शारीरिक जांच परीक्षा में उत्तीर्ण कराने के नाम पर पचास हजार से एक लाख रुपये पुनः लिया जाता था. शारीरिक जांच परीक्षा में अपनी क्षमता से उत्तीर्ण होने पर भी राशि ली जाती थी. अभी वर्तमान में सिपाही की नौकरी कर रही अगुवानी गांव की छात्रा ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि उन्होंने शारीरिक क्षमता जांच परीक्षा को अपने दम पर पास किया. लेकिन उन्हें उसकी राशि भी देनी पड़ी.

Sipahi Bharti Fraud: रुपये लेन देन की होगी जांच

एसपी ने बताया कि विभिन्न जिले के परीक्षार्थियों से सिपाही भर्ती के लिए प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने के नाम पर ठगी करने वाले जालसाजों के मोबाइल की जांच की जाएगी. उन्होंने बताया कि रुपये लेन देन की जांच की जाएगी. फर्जीवाड़ी में शामिल लोगों के पास से 25 सौ रुपये, फर्जी कंप्यूटर टंकित प्रश्न-पत्र-71, फर्जी उत्तर पुस्तिका-92, ओएमआर शीट (भरा हुआ)-68, ओएमआर शीट (खाली)-18, आधार कार्ड-05, मोबाईल-42, अन्य शैक्षणिक दस्तावेज-07 बरामद किया गया है. एसपी ने बताया कि छापेमारी में शामिल पुलिस निरीक्षक सह थाना अध्यक्ष अरविंद कुमार, अपर थाना अध्यक्ष शिव कुमार यादव, पुलिस अवर निरीक्षक अभिषेक गौतम, पुलिस अवर निरीक्षक अजय कुमार यादव, पुलिस अवर निरीक्षक गौतम कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक निशा कुमारी आदि मौजूद थे.

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