दुर्गापुर. अंडाल डीवीसी की ओर से दुर्गापुर के गोपालमाठ गांव में फ्लाइ ऐश यानी उड़न राख की अंधाधुंध डंपिंग की जा रही है, जिससे उक्त गांव में इस बेहद हानिकारक राख का पहाड़ बन कर तैयार हो गया है. इससे जीव-जंतुओं को होनेवाले खतरे की आहट से सभी संबद्ध व जिम्मेदार पक्ष बेफिक्र बने हुए हैं. दिनोदिन बदतर होते हालात को लेकर भूमि रक्षा कमेटी के बैनर तले गांव के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. अंडाल डीवीसी से मांग की गयी कि वह अविलंब दिनदहाड़े उड़न राख की गोपालमाठ में अंधाधुंध डंपिंग बंद करे. साथ ही राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उक्त गांव के लोगों के दूरगामी हित के मद्देनजर मामले में हस्तक्षेप करे और डीवीसी पर फ्लाइऐश का समुचित निबटान करने का दबाव डाले. बुधवार को भूमि रक्षा कमेटी के सदस्यों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय के बाहर जुट कर प्रतिवाद जताया. उसके बाद अपनी मांगों पर आधारित एक ज्ञापन, विभाग के अधिकारी, महकमा शासन को सौपा. प्रदर्शनकारियों की शिकायत है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी मामले में उदासीन बना हुआ है. ऐसा लगता है जैसे फ्लाइऐश सिंडेकेट के सामने प्रदूषण बोर्ड ने भी घुटने टेक दिये हैं. भूमि रक्षा कमेटी के सचिव ध्रुव ज्योति मुखर्जी ने कहा कि लंबे आंदोलन के बाद बीते 23 जुलाई को प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी अरूप कुमार दे के नेतृत्व में तीन अफसरों की टीम ने प्रभावित गोपाल माठ का दौरा किया था. डीवीसी की ओर से फेंकी जा रही उड़न-राख के ढेर और उससे हो रहे जल व वायु प्रदूषण की जांच की थी. दो घंटे के दौरे के बाद कई नमूने लेकर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजने और जल्द कार्रवाई करने का कमेटी को आश्वासन दिया गया था. घटना के लगभग 15 दिन बीत जाने के बाद भी स्टेट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. भूमि रक्षा कमेटी का बोर्ड से सवाल है कि गोपाल माठ के दौरे के बाद वायु प्रदूषण के प्रमाण मिले हैं या नहीं? डीवीसी के ‘सिंडिकेट’ की मदद से जिस तरह से दिनदहाड़े लगातार खुले डंपरों से उड़न-राख को डंप किया जा रहा है, उससे गांव का बुरा हाल है. इस बाबत क्या कदम उठाये गये हैं, बताया जाये. उधर, अंडाल डीवीसी की हानिकारक उड़न राख से बने पहाड़ को कैसे हटाया जायेगा. विभाग को मुख्य रूप से इन दो मांगों पर शीघ्र कार्रवाई करनी होगी, अन्यथा भूमि रक्षा कमेटी आनेवाले दिनों में बड़ा आंदोलन करेगी.
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