ऑस्ट्रेलिया के कांसुलेट जनरल एच ब्वायलान ने ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव से मिलने के लिए मांगा समय
राज्य में गैर परंपरागत बिजली उत्पादन की असीम संभावना
बिहार में बिजली के क्षेत्र में हो रहे कार्यों से आस्ट्रेलिया भी अवगत है.राज्य में गैर परंपरागत बिजली उत्पादन की असीम संभावना है. सरकार जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत भी गैर परंपरागत बिजली को बढ़ावा दे रही है. अब तक 3500 से अधिक सरकारी भवनों पर सोलर पावर प्लांट लगाये जा चुके हैं. आगामी दो वर्षों में नौ हजार सरकारी भवनों में सोलर प्लेट लगाने की योजना की मंजूरी दी गयी है.इसके अलावा चौर क्षेत्रों, जलाशयों व नहरों व नदियों के किनारे भी सोलर प्लांट लगाने की योजना बनायी गयी है. लखीसराय के कजरा में 1810 करोड़ की लागत से 185 मेगावाट की सोलर इकाई लगाई जा रही है. इसके साथ ही सरकार देश-विदेश की कंपनियों को गैर परंपरागत बिजली क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित कर रही है.इसे देखते हुए ही ऑस्ट्रेलिया के कांसुलेट जनरल ने बिहार में निवेश करने को लेकर ऊर्जा मंत्री से मिलने का समय मांगा है.बिहार में 16 हजार मेगावाट गैर परंपरागत बिजली का हो सकता है उत्पादन
केंद्र सरकार की ओर से किये गये हालिया सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 16 हजार मेगावाट गैर परंपरागत बिजली का उत्पादन हो सकता है. केंद्र सरकार ने बिहार में 11 हजार 200 मेगावाट सोलर बिजली का उत्पादन बिहार में होने की संभावना जतायी है. इसके अलावा राज्य में 3650 मेगावाट पवन ऊर्जा का उत्पादन हो सकता है. राज्य में बड़ी जलविद्युत परियोजना को छोड़ भी दें ,तो छोटी-छोटी इकाई लगाकर पनबिजली उत्पादित की जा सकती है. राज्य में बायोमास की भी संभावना है और इससे 619 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है