Chanakya Niti: चाणक्य ने अपने जावनकाल में कई तरह की नीतियों की रचना की है. आचार्य चाणक्य की बताई गई बातों का अगर पालन किया जाए तो ऐसे में आपके जीवन से समस्याएं काफी ज्यादा दूर रहती हैं. आज इस आर्टिकल में हम आपको चाणक्य द्वारा बताये गए उन कामों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको कभी भी नहीं करना चाहिए. चाणक्य ने कहा कि जो बुद्धिमान लोग होते हैं उन्हें अपने मुंह से ये शब्द नहीं कहने चाहिए और ऐसी बातें हमेशा सबसे छुपा कर रखनी चाहिए, नहीं तो इसका परिणाम बेहद बुरा हो सकता है. तो आइए जानते हैं वो कौन सी बात है, जिसे आचार्य चाणक्य सभी से छिपाने को कह रहे हैं
अपनी भावनाओं को गुप्त रखें
अगर आपके मन में कुछ रचनात्मक चल रहा है, आप कुछ करने के बारे में सोच रहे हैं, या उस काम को करना शुरू कर दिया है, तो आपको इसके बारे में कभी किसी को नहीं बताना चाहिए. ऐसे विचार और सोचे हुए काम कभी भी अपने मुंह से नहीं निकालने चाहिए, बल्कि उन्हें मंत्र की तरह सुरक्षित रखना चाहिए और उस काम को भी उसी तरह गुप्त तरीके से करना चाहिए.
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आलोचना और शत्रुओं से बचें
नजरअंदाज करने वालों और शत्रुओं से बचें. कुछ लोग आत्म-प्रशंसा करने वाले होते हैं और अपने विचारों या अपने द्वारा शुरू किए गए काम के बारे में ज़ोर-ज़ोर से शोर मचाते रहते हैं. चाणक्य नीति के अनुसार, जब तक आपने जो काम सोचा है, वो पूरा न हो जाए, तब तक आपके काम के बारे में किसी को पता नहीं चलना चाहिए.
अगर किसी कारण से आपका सोचा हुआ काम पूरा नहीं हो पाता है तो आप हंसी का पात्र बन जाएंगे. लोगों की नजरों में आपकी अहमियत और हैसियत दोनों कम होने लगेगी. अगर ऐसा बार-बार होता है तो लोग आपकी बातों को हल्के में लेने लगेंगे या आपसे दूरी बनाने लगेंगे.
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अगर सोचा हुआ काम पूरा हो गया है तो वैसे भी सबको इसके बारे में पता चल ही जाएगा. इसलिए अपने काम के बारे में सबको पहले ही बताकर मूर्खों में गिने जाने और हंसी का पात्र बनने से बेहतर है कि आप किसी को कुछ न बताएं.
अपनी बातों को गुप्त रखना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि दुश्मन हमेशा आपके काम को बिगाड़ने की ताक में रहते हैं. वे मौके की तलाश में रहते हैं और हम जाने-अनजाने उन्हें अपना काम बिगाड़ने का निमंत्रण दे देते हैं. नतीजतन हमारा काम सफल नहीं हो पाता.
निष्कर्ष : चाणक्य ने क्यों कहा सबसे छिपाने चाहिए ये बात
अगर आप कोई काम करने का फैसला करते हैं तो जब तक वो काम पूरी तरह से खत्म न हो जाए, आपको उसे अपने मुंह में बंद रखना होगा, जैसे तिजोरी में रखा हुआ गहना. ऐसा करने से आप हंसी का पात्र बनने से बच जाएंगे और दुश्मनों की राजनीति से भी. इसलिए चाणक्य नीति के अनुसार एक बुद्धिमान व्यक्ति को हमेशा अपनी बातों से ज्यादा अपने काम करने पर जोर देना चाहिए.