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कैंपस : 10 से अधिक व्यक्तियों को रोजगार देने वाले प्रत्येक कार्यस्थल पर आंतरिक समिति गठन करना अनिवार्य

डीएमआइ में गुरुवार को पीजीडीएम के विद्यार्थियों के लिए कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न अधिनियम-2013 विषय पर कार्यशाला का आयोजन.

-डीएमआइ में कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम पर कार्यशाला का आयोजन

संवाददाता,पटना

विकास प्रबंधन संस्थान (डीएमआइ) में गुरुवार को पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन डेवलपमेंट मैनेजमेंट (पीजीडीएम) के विद्यार्थियों के लिए कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम-2013 विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. विशेषज्ञों ने कहा कि इस अधिनियम का उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के साथ उनका समाधान प्राप्त करना व उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए एक निष्पक्ष व्यवस्था प्रदान करना है. इस अधिनियम के अंतर्गत क्लास रूम, हॉस्टल सहित वैसे तमाम स्थल शामिल हैं, जो संस्थान द्वारा शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थियों को उपलब्ध कराये गये हैं. प्रश्न-जवाब सत्र में डीन एकेडमिक प्रो शंकर पूर्वे, प्रो अदिति ठाकुर व प्रो गीतिका ने विद्यार्थियों की शंका का समाधान किया. डीएन एकेडमिक प्रो शंकर पूर्वे ने बताया कि यह अधिनियम सरकारी, निजी और गैर-सरकारी संगठनों के साथ-साथ संस्था, उपक्रम या प्रतिष्ठान सहित सभी कार्यस्थलों पर लागू होता है. डीएमआइ सहित सभी शिक्षण संस्थानों में यह प्रभावी है.

11 सदस्यीय समिति करती है सुनवाई

प्रो अदिति ठाकुर ने बताया कि अधिनियम के अनुसार 10 से अधिक व्यक्तियों को रोजगार देने वाले प्रत्येक कार्यस्थल पर आंतरिक समिति (आइसी) का गठन करना अनिवार्य है. यह समिति यौन उत्पीड़न की शिकायतों का निवारण कर सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने में मदद करती है. डीएमआइ में 11 सदस्यीय समिति गठित है, जिसमें तीन विद्यार्थी भी शामिल हैं. समिति शिकायतों की गोपनीयता और समय पर समाधान सुनिश्चित करती है. दोषी पाये जाने पर दंड का प्रावधान है, जिसमें अपराध की गंभीरता के आधार पर, आर्थिक जुर्माना, नामांकन रद्द या नौकरी से बर्खास्तगी आदि शामिल हैं.

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