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ईटवां में विषैले सांप के काटने से महिला की मौत

दवा के बजाय परिजनों ने झाड़-फूंक पर जताया भरोसा

औरंगाबाद/हसपुरा. हसपुरा थाना क्षेत्र के ईटवां गांव में बुधवार की रात घर में सोयी एक महिला को विषैले सांप ने काट लिया, जिससे उसकी मौत हो गयी. मृतका की पहचान मृत्युंजय कुमार के 20 वर्षीय पत्नी सुनीता कुमारी के रूप में हुई है. बताया जाता है कि महिला की हालत बिगड़ते देख परिजन गांव में ही झाड़-फूंक के लिए ओझा के पास ले गये. ओझा गुनियों ने घंटों झाड़ फूंक किया, लेकिन सुनीता कुमारी को नहीं बचाया जा सका. मौत की जानकारी जैसे ही घर में स्वजनों को मिली कोहराम मच गया. इसके बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया. कुछ लोगों का कहना था कि झाड़-फूंक के बजाय अगर सुनीता को अस्पताल ले जाया जाता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी. प्रमुख श्रीनिवास सिंह, मुखिया राकेश कुमार, सरपंच राजकुमार पासवान ने घटना पर दुख जताया है. ज्ञात हो कि बारिश के इस मौसम में पिछले 15 दिनों की बात की जाए तो मदनपुर, नवीनगर, गोह, रफीगंज, हसपुरा, दाउदनगर, ओबरा, देव, बारुण और सदर प्रखंड में सांप के काटने से मौत हुई है. बारिश के इस मौसम में सर्पदंश की घटनाओं में तेजी आ गयी है. खासकर ग्रामीण इलाकों में इस तरह की घटना रोज हो रही है और किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो रही है. कोई खेती करने के दौरान बधार में सर्पदंश का शिकार हो जा रहा है, तो कोई अपने ही घर में. गांवों के बधार पानी से डूबे हुए है. इस वजह से बिल में रहने वाले सांप घरों की ओर रुख कर रहे है. दूसरी बात यह है कि आज भी सुदूरवर्तीय इलाकों में अंधविश्वास हावी है. सर्पदंश की घटना के बाद पीड़ित के परिजन इलाज के बजाय अंधविश्वास यानी झाड़- फूंक पर भरोसा कर रहे है. इस वजह से लोगों की मौत हो रही है. आश्चर्य की बात तो यह है कि आज हम मंगल ग्रह पर पहुंच चुके है. विश्व के वैज्ञानिक आशियाना बसाने की सोंच रहे है,लेकिन हमारे समाज के ही कुछ लोग विज्ञान को झुठलाते हुए अंधविश्वास में कैद होकर रह गये है. तमाम सरकारी अस्पतालों में सांप के काटने के बाद पीड़ित को बचाने के लिए एंटी वेनम की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है. इससे भी आश्चर्य की बात तो यह है कि अस्पतालों में उपलब्ध एंटी वेनम का उपयोग ही नहीं हो रहा है. झाड़-फूंक के चक्कर में लोग जान गंवा दे रहे है. जब उनकी मौत हो जा रही है तो उन्हें अस्पताल पहुंचाया जा रहा है. प्रभात खबर औरंगाबाद जिले वासियों से अपील करता है कि सर्पदंश की घटना के बाद विवेक से काम लें. झाड़-फूंक के बजाय पीड़ित को नजदीकी सरकारी अस्पताल पहुंचाये. औरंगाबाद जिले के सदर अस्पताल सहित तमाम सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एंटी वेनम सूई उपलब्ध है. घरेलू उपचार करने से भी परहेज करें. स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन रविभूषण श्रीवास्तव ने बताया है कि अस्पतालों में सर्पदंश से संबंधित इलाज उपलब्ध है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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