अवैध खनन के खिलाफ कसा शिकंजा, 39 लाख की वसूली मुजफ्फरपुर. जिला में बालूघाटों की बंदोबस्ती की प्रक्रिया बेहद मंथर गति में चल रही है. आलम यह है कि नौ बालूघाट में से अबतक एक ही घाट की बंदोबस्ती हुई है. वैसे सरकार ने बंदोबस्त में होने वाले बेवजह विलंब से बचने के लिए कड़ाई से निपटने की योजना बनाई है. लेकिन इसका असर अभी नहीं दिख रहा है. दूसरी तरफ खनिज का अवैध खनन व परिवहन पर कसे शिकंजा से करीब 40 लाख राशि की वसूली हो पायी है जबकि वार्षिक लक्ष्य 4 करोड़ से अधिक है. वित्तीय वर्ष 2023 – 24 में ईंट भट्ठा के लिए निर्धारित लक्ष्य 297.25 लाख के विरुद्ध अभी तक 286 लाख वसूल किया गया है. पिछले महीने डिप्टी सीएम सह जिले के प्रभारी मंत्री के सामने विभाग ने यह रिपोर्ट दी है. समीक्षा में खनन विभाग व स्थानीय थाना की मिली भगत की बात आयी है.अपने खेत से मिट्टी काट कर ले जाने पर पर थाना धड़पकड़ करता है. इस पर डिप्टी सीएम ने डीएम को अपने स्तर से इसकी जांच कराने को कहा था. इधर, खान एवं भूतत्व विभाग ने राज्य में बचे हुए बालू घाटों की बंदोबस्ती तेजी से करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया है. विशेष रूप से राज्य करीब 10 जिले में बालू घाटों की बंदोबस्ती की गति बहुत धीमी पाने पर विभाग ने वहां के खनिज विकास अधिकारियों को इसकी प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिये हैं. इन जिलों में समस्तीपुर, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, वैशाली, बक्सर, मुंगेर, बेगूसराय व खगड़िया शामिल हैं. इन जिलों में बालू घाटों की बंदोबस्ती की गति धीमी है.
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