बेरोजगारी की मार. गंभीर बीमारी या दुर्घटना में चली जाती है जान, जिम्मेदारों को चिंता नहीं
10 हजार से अधिक मजदूर रोजगार की तलाश में कर चुके हैं पलायन
सरिया.
बीते एक माह में सरिया प्रखंड क्षेत्र के पांच प्रवासी मजदूरों की मौत हो चुकी है. बावजूद बेरोजगारी की मार से त्रस्त सरिया प्रखंड क्षेत्र के मजदूरों का पलायन जारी है. बताते चलें कि रोजी-रोजगार की तलाश में प्रखंड से अनुमानत: 10 हजार लोग दूसरे प्रदेशों में पलायन कर अपना गुजारा कर रहे हैं. बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त गरीब लोगों का क्षेत्र में आजीविका चलाना मुश्किल हो रहा है. उधर, प्रवासी मजदूर गंभीर बीमारी या दुर्घटनाग्रस्त होकर मौत के मुंह में समा रहे हैं. बीते दिनों कोयरीडीह गांव निवासी रोहित राय की मौत महाराष्ट्र में इलाज के दौरान हो गयी. वह किसी वाहन की चपेट में आकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. वहीं पिपराडीह गांव के निर्मल महतो, फकीरापहरी गांव के सुखदेव महतो, उर्रो गांव के शुभम सिंह आदि प्रवासी मजदूरों की मौत भी इलाज के दौरान दूसरे प्रदेश में हो गयी. रोजगार की तलाश में विदेश गये कई युवकों की लाश भी बंद बक्से में आने की दिल दहलाने वाला वाक्या होते रहता है. मलेशिया, सऊदी अरब, लीबिया, कुवैत, दुबई, दक्षिण अफ्रीका आदि देशों में रोजगार की तलाश में गये मजदूरों को बंधक बनाने, मजदूरी भुगतान नहीं करने, उनके शोषण-दमन आदि की घटनाएं आम हैं.स्थानीय स्तर पर उद्योग-धंधों की कमी बड़ी वजह
इस संबंध में प्रवासी मजदूर संजीत कुमार की मानें तो कोयला, अभ्रक, आयरन, बॉक्साइट, यूरेनियम, तांबा, पत्थर जैसे कीमती खनिज संपदा के मामले में झारखंड राज्य संपन्न है. परंतु कल-कारखानों के अभाव में यहां का युवा वर्ग रोजगार की तलाश में भटकता रहता है. प्रवासी मजदूरों काे ले झारखंड सरकार का रवैया उदासीन है. रोजगार के नाम पर छलावा हो रहा है. युवा ठगे जा रहे हैं. महंगाई, भ्रष्टाचार भी बेरोजगारी व पलायन का कारण है.(लक्ष्मीनारायण पांडेय, सरिया)
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