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हत्या के पूर्व एक-एक कर गायब हो गया तीनों का परिवार

निल यादव हत्याकांड में पुलिस ने भले ही कांड उद्भेदन का दावा किया है और आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली है. लेकिन अब भी कई ऐसे मामले हैं जो रहस्यमयी बना हुआ है.

अनिल यादव हत्याकांड : कई मामले अब भी बने हुए हैं रहस्यमयी, पुलिस का अनुसंधान अब भी जारी

गिरिडीह.

अनिल यादव हत्याकांड में पुलिस ने भले ही कांड उद्भेदन का दावा किया है और आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली है. लेकिन अब भी कई ऐसे मामले हैं जो रहस्यमय बना हुआ है. बता दें कि अनिल यादव जमीन के कारोबार में दलाली का काम किया करता था और इसकी हत्या छह अगस्त को बैजू रविदास के घर में कर दी गयी. हत्या के बाद बैजू रविदास ने स्वीफ्ट कार में लाश को लादा और उसे पीरटांड़ थाना क्षेत्र के खुखरा के एक सुनसान इलाके में फेंक दिया जहां से पीरटांड़ की पुलिस ने लाश को बरामद की. अनिल यादव की हत्या इतनी बेरहमी और बर्बरता से की गयी थी कि यह सवाल उठना लाजिमी है कि उसकी हत्या के पीछे महज 30-40 हजार रुपये के लेन-देन का मामला नहीं हो सकता. चौंकाने वाली बात तो यह है कि अनिल की हत्या छह अगस्त को की जाती है, लेकिन इससे जुड़े तीन परिवार एक-एक कर हत्या के कुछ दिन पूर्व से ही गायब हो जाते हैं. अब इसे महज संयोग कहें या कोई साजिश, यह पूरे मामले का खुलासे के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा. बता दें कि आरोपी बैजू रविदास का घर अल्कापुरी में है जहां वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ रहता था. इनकी दो बेटियां भी आया-जाया करती थी. लेकिन घटना के दिन ये लोग उस घर में नहीं थे. जब पुलिस बैजू के घर पहुंची तो उसके घर में ताला लटका हुआ था. हालांकि यह भी जानकारी मिल रही है कि घटना के एक दिन पूर्व उसका बेटा भी घर में मौजूद था जिसका घटना के समय से कोई अता-पता नहीं है. बैजू के घर से सटा हुआ है मृतक अनिल यादव का घर. अनिल यादव के घर भी घटना के दिन कोई नहीं था. इसका घर में भी पिछले छह दिनों से ताला लटका हुआ था. बताया जाता है कि 31 जुलाई को इसकी पत्नी अपने मायके चली गयी थी. बता दें कि अनिल यादव का ससुराल अल्कापुरी में मेन रोड पर स्थित है. इसके ससुराल में भी पिछले कुछ दिनों से ताले लटके हुए हैं. इधर सूत्रों का कहना है कि जिन परिस्थितियों में अनिल यादव की हत्या की गयी है, उससे तो यह स्पष्ट है कि अनिल यादव का हत्या अकेले बैजू रविदास नहीं कर सकता. हालांकि पुलिस भी इस बात का पता लगा रही है कि अनिल यादव के हत्या के वक्त घर के अंदर कोई और था या नहीं. सीसीटीवी फूटेज खंगालने के बाद ऐसे कोई सबूत पुलिस को नहीं मिले हैं. लेकिन पुलिस हर बिंदुओं पर जांच-पड़ताल कर रही है. यह भी पता लगा रही है कि कहीं दूसरे रास्ते का इस्तेमाल कर घटना में शामिल अन्य लोग बैजू के घर में तो नहीं पहुंचे थे.

हत्या के छह दिन पूर्व पत्नी के साथ हुई थी झड़प :

हत्या के छह दिन पूर्व अनिल यादव की झड़प उसकी पत्नी से हुई थी. अनिल यादव का प्रेम विवाह दो साल पूर्व हुआ था. लेकिन अनिल यादव के कार्यशैली से उसकी पत्नी भी परेशान रहती थी. बताया जाता है कि 31 जुलाई को पत्नी के साथ काफी विवाद बढ़ गया था और फिर झड़प भी हुई थी. इसके बाद वह मायके चली गयी. दारू पीने समेत जमीन की दलाली को लेकर कई बार पति-पत्नी में बहस भी हुआ करता था.

पत्नी के मायके जाकर भी किया था हंगामा :

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 31 जुलाई को पत्नी के मायके जाने के बाद अनिल यादव काफी डिप्रेशन में रहा करता था. उसने कई बार अपने ससुराल से उसे लाने का प्रयास कर रहा था. दो अगस्त को पत्नी को लाने ससुराल गया और वहां काफी देर तक हंगामा हुआ. बताया जाता है कि अनिल यादव के साथ उसका एक भतीजा भी था. ससुराल का दरवाजा नहीं खुलने के कारण वह बाहर में ही गाली गलौज भी कर रहा था.

घटनास्थल पर अचानक कैसे पहुंचा कार :

बैजू रविदास के मोहल्ले के कई लोगों का कहना है कि कार उसके पास नहीं रहता था और न ही घटना में प्रयुक्त की गयी यह कार उसकी है. सूत्रों का कहना है कि अनिल यादव के हत्या के बाद स्वीफ्ट कार को कहीं ओर से लाया गया और फिर प्लास्टिक में पैक किये गये लाश को उसमें लादकर उसे खुखरा मोड़ के पास फेंका गया. इस स्वीफ्ट कार के बारे में बताया जा रहा है कि यह उसके भाई लौकी रविदास की है जो उसी मोहल्ले में किसी के घर में रखी गयी थी. सूत्रों का यह भी कहना है कि बैजू का दामाद भी उसी मोहल्ले में ही रहता है. घटना के बाद पुलिस ने एक बुल्लेट मोटरसाइकिल को भी बैजू के घर के परिसर में पाया है. यह मोटरसाइकिल किसकी है, अब तक खुलासा नहीं हो पाया है.

मृतक और आरोपी का कॉल रिकार्ड खंगाल रही है पुलिस :

इधर पुलिस ने हर बिंदु पर जांच-पड़ताल शुरू कर दिया है. लेन-देन के मामले में विवाद कहां था और किस डील को लेकर विवाद हुआ था, इसकी पड़ताल पुलिस कर रही है. आरोपी और मृतक के मोबाइल पर आये तमाम कॉल्स का कॉल रिकार्ड भी पुलिस खंगाल रही है. एसपी दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि हत्या का आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन अनुसंधान क्लोज नहीं किया गया है. पुलिस अब भी हर मामले की पड़ताल कर रही है. इस घटना में जो लोग भी शामिल हैं, उसे हर हाल में गिरफ्तार किया जायेगा. उन्होंने कहा कि एफएसएल और फिंगर प्रिंट के एक्सपर्ट ने जांच-पड़ताल पूरी कर ली है. अब एसआईटी के सदस्यों को जांच की अलग-अलग जिम्मेदारी दी जायेगी. कहा कि चार्जशीट शीघ्र फाइल करने के लिए जांच में तेजी लायी गयी है.

हत्या होने के पूर्व अनिल ने अपने एक करीबी को भेजा था मैसेज :

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हत्या के पूर्व अनिल यादव ने अपने एक करीबी को व्हाट्स एप्प मैसेज किया था. उस मैसेज में लेन-देन का जिक्र किया गया था. साथ ही एक एग्रीमेंट की कॉपी भी भेजी गयी थी. करीबी युवक को उसने बताया था कि जमीन के एक कारोबार में 15 लाख रुपये में से उसे 12 लाख रुपये वापस मिल गये हैं, लेकिन 3 लाख रुपये देने में बैजू रविदास अब भी आनाकानी कर रहा है. बताया जाता है कि उदनाबाद की एक जमीन के कारोबार में 15 लाख रुपये की राशि अनिल यादव को मिलना था और इसी मामले को लेकर बैजू रविदास और अनिल यादव के बीच विवाद बढ़ी थी और मामला जान लेने तक पहुंच गया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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