राज्य के शहरी विकास विभाग को सौंपी गयी है जिम्मेदारी कुंदन झा, हावड़ा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रशासनिक बैठक में जलजमाव और निकासी व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए हावड़ा नगर निगम के कामकाज पर नाराजगी जाहिर की थी. सीएम ने कहा था कि निकासी व्यवस्था को बेहतर करने के लिए राज्य सरकार की ओर से निगम को दो बार फंड दिये गये थे. इसके बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. सीएम ने शहरी विकास मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम से पूछा कि आखिर शहर की निकासी व्यवस्था ध्वस्त क्यों है और यह कैसे ठीक होगी? उन्होंने शहरी विकास मंत्रालय को शहर की निकासी व्यवस्था को ठीक करने की जिम्मेदारी सौंपी. जानकारी के अनुसार, निकासी व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए विभाग की ओर से मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. इसमें कोलकाता नगर निगम, हावड़ा नगर निगम, केएमडीए और एचआइटी के भी इंजीनियर होंगे. बहुत जल्द यह प्लान तैयार हो जायेगा और इसके बाद काम शुरू होगा. बता दें कि हावड़ा नगर निगम इलाके में कुल 500 किलोमीटर नाले हैं, जिसमें 270 किलोमीटर नाले खुले हुए हैं. खुले नाले में कूड़ा-कचरा और प्लास्टिक गिरने से वह जाम रहता है. ढके हुए नालों पर अतिक्रमण हो गया है. यही कारण है कि नालों की सफाई ठीक से नहीं होती है और बारिश होते ही जल-जमाव हो जाता है. यह स्थिति वर्षों से बनी हुई है. बताया जा रहा है कि इस मास्टर प्लान के तहत सबसे पहले खुले नालों को ढका जायेगा. इसके बाद नालों के ऊपर स्थित अवैध दुकानों को हटाया जायेगा. ऐसे दुकानदारों के लिए वैकल्पिक जगह की व्यवस्था की जायेगी. हालांकि प्रशासन के लिए दुकानदारों को हटाना कितना संभव होगा, यह आने वाला समय बता पायेगा. लेकिन शहर में निकाली व्यवस्था की जो स्थिति है, अगर उसमें सुधार नहीं हुआ तो बारिश के मौसम में स्थिति भयावह होगी. इस बारे में पूछे जाने पर निगम के प्रशासनिक बैठक के चेयरमैन डॉ सुजय चक्रवर्ती ने कहा कि ड्रेनेज सिस्टम को ठीक करने को राज्य सरकार तत्पर है. मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. उम्मीद है कि जल्द ही शहर की निकासी व्यवस्था सुधरेगी और लोगों को जलजमाव की समस्या से छुटकारा मिलेगा.
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