हार्वेस्टप्लस और इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की ओर से कार्यशाला का आयोजन संवाददाता,पटना सहकारिता मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य में बायोफोर्टिफाइड फसलों की खरीद और बिक्री नौ हजार प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) के माध्यम से की जायेगी. इसका मुख्य उद्देश्य पोषक तत्वों से युक्त बायोफोर्टिफाइड अनाज राज्य के बाजार में उपलब्ध कराना है. पैक्स की भागीदारी से एक तरफ जहां वितरण और बिक्री प्रक्रिया को सुचारू बनाने में मदद मिलेगी.वहीं, इससे बायोफोर्टिफाइड अनाज उत्पाद किसान और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होगा.डाॅ कुमार, गुरुवार को हार्वेस्टप्लस और इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स द्वारा बिहार में पोषणयुक्त बायोफोर्टिफाइड फसलों के माध्यम से खाद्य प्रणाली के रूपांतरण पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.उन्होंने कहा कि यह प्रयास बिहार में बायोफोर्टिफाइड फसलों की खेती और खपत को बढ़ावा देने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, ताकि पोषण सुरक्षा को बढ़ावा मिल सके. बौनापन की दर कम करने के लिए बायोफोर्टिफाइड अनाज गरीब लोगों के भोजन में शामिल करने का प्रयास सहकारिता मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार बिहार और ओडिशा में कुपोषण,खासकर बौनापन की दर कम करने के लिए जिंकयुक्त बायोफोर्टिफाइड अनाज को गरीब लोगों के भोजन में इसे शामिल करने के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि 2017 में जब वे कृषि विभाग के मंत्री थे, तब तीसरे कृषि रोड मैप में 2017 से 2022 में बायोफोर्टिफाइड को शामिल किया गया था. अगले वर्ष 2018 तक हार्वेस्टप्लस और अनुसंधान इकाइयों ने बिहार के तीन कृषि_जलवायु क्षेत्रों में जिंक गेहूं की किस्म का परीक्षण शुरू कर दिया था.डॉ कुमार ने कहा कि राज्य बीज निगम ने अपने संसाधनों का उपयोग कर 2100 टन प्रमाणित जिंक गेहूं के बीज का उत्पादन शुरू किया है. मौके पर विधायक संजीव चौरसिया,बीआइए के प्रेसिडेंट केपीएस केसरी, हार्वेस्टप्लस के सीइओ अरुण बराल, कंट्री मैनेजर हार्वेस्टप्लस बीनू चेरियन और नीरज चौबेउपस्तिथ थे.
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