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कोयला मंत्रालय के कार्यकारी निदेशक ने वाश्ड कोल का डिस्पैच बढ़ाने का दिया निर्देश

कोयला मंत्रालय के अधिकारी ने किया निरीक्षण

कोयला मंत्रालय के कार्यकारी निदेशक (सीटीसी) रमाकांत सिंह गुरुवार को विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ एकीकृत ब्लॉक दो ओसीपी का दौरा किया. बेनीडीह मेन साइडिंग, विभागीय फेस, मधुबन कोलवाशरी, न्यू मधुबन कोल वाशरी एवं हाइवाल माइनिंग में टेक्नोलॉजी सिस्टम से हो रहे कोयले की खनन का निरीक्षण किया. कार्यकारी निदेशक ने उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया. इसके लिए अधिकारियों के बैठक कर कई दिशा-निर्देश दिये. मॉनसून में कोयले के उत्पादन वृद्धि पर रणनीति बनायी गयी. जीएम अनूप कुमार राय ने कार्यकारी निदेशक को बताया कि 250-300 मीटर डेप्थ से कोयले की कटिंग कर कन्वेयर बेल्ट से निकासी हो रही है. प्रतिदिन तीन हजार टन कोयला उत्पादन करने के साथ एक साल में 12 लाख टन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य दिया गया है. हाइवाल माइनिंग निरीक्षण करने से पहले कार्यकारी निदेशक ने न्यू मधुबन कोल वाशरी कोल प्रोसेसिंग प्लांट का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि वाशरी इस्पात उद्योग पूरे देश के लिए आत्मनिर्भरता, स्थिरता और प्रगति का प्रतीक है. देश के सबसे बड़ी तकनीकी से उन्नत यह वाशरी अपनी लॉजिस्टिक दक्षता और अत्याधुनिक तकनीक के लिए जानी जाती है. यह इस्पात क्षेत्र को धुली हुई कोकिंग कोल की आपूर्ति बढ़ाने में सक्षम है. मौके पर एजीएम एसबी कुमार, पीओ टीएस चौहान, मैनेजर केके दत्ता, वाशरी पीओ राजेश कुमार, हाइवाल माइनिंग के साइड इंचार्ज अभिनव कुमार आदि थे.

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