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ये पाकिस्तानी खिलाड़ी टूटी जैवलिन से करता था अभ्यास… अब बना ओलंपिक चैंपियन

Paris Olympics 2024 में पाकिस्तान के अरशद नदीम ने भाला फेंक खेल में कमाल का प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया है. इसके साथ हीं उन्होंने ओलंपिक रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है.

Paris Olympics 2024 के 13वें दिन भारत के लिहाज से अच्छा रहा. भारत ने 13वें दिन दो पदक अपने नाम किए. भारत को नीरज चोपड़ा ने इस ओलंपिक का पहला सिल्वर मेडल दिलाया. वहीं पाकिस्तान के अरशद नदीम ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक पर अपना कब्जा जमाया. स्वर्ण पदक को अपने नाम करने के साथ-साथ उन्हें भाला फेंक खेल में ओलंपिक का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया. उन्होंने 92.97 मीटर दूर भाला फेंका और नया ओलंपिक रिकॉर्ड कायम कर दिया. इससे पहले नॉर्वे के एथलीट थोरकिल्डसेन एंड्रियास ने साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक में 90.57 मीटर का रिकॉर्ड बनाया था. अब नदीम ने इस रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया है. इसके साथ ही पाकिस्तान के इतिहास में यह पहला मौका है जब ओलंपिक में किसी एथलीट ने व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता है. वहीं खास बात तो ये है कि नदीम ने टूटे हुए भाले से अभ्यास करते हुए इस मुकाम को हासिल किया है. तो चलिए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें.

Paris Olympics 2024: नदीम के पास नहीं था नया भाला

आपकी जानकारी के लिए बता दें, अरशद नदीम के लिए ओलंपिक मेडल जीतना इतना आसान नहीं रहा है. पेरिस ओलंपिक में जाने से पहले तक उनके पास ट्रेनिंग करने के लिए नया भाला तक नहीं था. अरशद ने खुलासा किया था कि वह लगभग सात से आठ वर्षों से एक ही भाले का उपयोग कर रहे है. वह भाला अब बड़े स्तर की ट्रेनिंग के लिए फिट नहीं था. अरशद ने तब कहा था, ‘भाला क्षतिग्रस्त हो गया है और मैंने राष्ट्रीय महासंघ और अपने कोच से पेरिस ओलंपिक से पहले इसके बारे में कुछ करने के लिए कहा है. जब मैंने 2015 में इंटरनेशनल इवेंट में हिस्सा लेना शुरू किया था तो मुझे यह भाला मिला था. जो एथलीट ओलंपिक में मेडल जीतने की तैयारी कर रहे हैं उन्हें ट्रेनिंग की पूरी व्यवस्था और उपकरण की जरूरत होती है.’

Paris Olympics 2024: नदीम ने चंदे के पैसे से की ट्रेनिंग

नदीम के पिता ने इंटरव्यू में बताया कि नदीम की ट्रेनिंग के लिए सभी ने चंदा जमा किया था. जिसमें दोस्त, रिश्तेदार और गांव के के लोगों ने पैसे दिए हैं. अपने बेटे की सफलता को लेकर उन्होंने बताया कि लोगों को नहीं पता है कि वो इस मुकाम पर कैसे पहुंचे हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें, जब नदीम ने फाइनल में जगह बनाई थी तो गांव में जश्न का माहौल था. नदीम ने साल 2011 में एथलेटिक्स में कदम रखा था. साल 2015 में नदीम पाकिस्तान के नेशनल चैंपियन बने थे. नदीम पाकिस्तान की तरफ से टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले ट्रैक एंड फील्ड एथलीट बने थे. उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल जीता था.

Paris Olympics 2024: नीरज भी हो गए थे निराश

जब नीरज चोपड़ा को अपने दोस्त नदीम के बारे में पता चला था तो वो भी निराश हो गए थे. चोपड़ा ने कहा था, ‘यह विश्वास करना कठिन है कि वह एक नया भाला पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उनकी साख को देखते हुए यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं होना चाहिए.’

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