Paris Olympics 2024 में 7 अगस्त भारत के लिए काफी निराशाजनक रहा. सभी जान रहे हैं कि इस दिन विनेश फोगाट को महिलाओं के 50 किलोग्राम वर्ग के फाइनल मुकाबले से पहले अयोग्य करार दिया गया था. उनका वजह मानक से 100 ग्राम अधिक था. जिसके आधार पर उन्हें मैच से पहले डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था. जिसके बाद सभी विनेश फोगाट को लेकर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इसी बीच भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने विनेश फोगाट के डिस्क्वालीफाई होने पर अपनी प्रतिक्रिया दी. नीरज ने कहा उनका दिल टूट गया जब विनेश फोगाट को डिसक्वालीफाई किया गया.
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Paris Olympics 2024: विनेश जी की डिसक्वालीफिकेशन से मुझे बहुत दुख हुआ: नीरज चोपड़ा
नीरज चोपड़ा ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘जो कुछ भी उन्होंने यहां किया है, वह एक मिसाल है. यूई सुसाकी को हराना अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. और उसके बाद जो भी हुआ, मुझे कुश्ती के नियमों की उतनी समझ नहीं है, लेकिन वह आत्मविश्वास के साथ गोल्ड की ओर बढ़ रही थीं. फिर ये अयोग्यता हुई, और मुझे बहुत, बहुत दुख हुआ.’
Paris Olympics 2024: विनेश जी की जर्नी बहुत कठिन रही है: नीरज
नीरज ने आगे कहा, ‘जो विनेश जी की जर्नी रही है, वह बहुत कठिन रही है. 2016 के रियो ओलंपिक में गंभीर चोट से उबरना और फिर 2020 में और भी चोटों का सामना करना. उन्होंने कई व्यक्तिगत परेशानियों को झेला है. और फिर भी वह इस मुकाम तक पहुंचीं और मानसिक रूप से इतनी मजबूत रहीं… सब कुछ ठीक चल रहा था, फिर पता नहीं, भगवान को कुछ और ही मंजूर था. लेकिन हम जानते हैं कि उन्होंने जो भी किया है, वह महान है.”
Paris Olympics 2024: नीरज चोपड़ा ने जीता सिल्वर मेडल
पेरिस ओलंपिक 2024 के जैवलिन थ्रो फाइनल में नीरज चोपड़ा को पाकिस्तान के अरशद नदीम से कड़ी टक्कर मिली. अरशद नदीम ने दूसरे सेट में 92.92 मीटर भाला फेंककर ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया और गोल्ड मेडल जीता. वहीं, नीरज चोपड़ा ने 89.45 मीटर भाला फेंककर अपने सीजन का सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया और सिल्वर मेडल जीतने में सफल रहे.
Paris Olympics 2024: दोनों ग्रुप में टॉप पर थे नीरज चोपड़ा
पाकिस्तान के नदीम का यह आश्चर्यजनक प्रयास था, क्योंकि नीरज ने 89.34 मीटर के थ्रो के साथ दोनों ग्रुप में टॉप किया था. उस समय नदीम का प्रयास केवल 86.59 मीटर था. यह फाइनल से पहले उनका सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. लेकिन उन्होंने वह कर दिखाया, जिसकी कल्पना भी नहीं की गई थी. नीरज लगातार अपने प्रयास से निराश दिखे और वह 90 मीटर के अपने लक्ष्य के पार नहीं पहुंच पाए. जिस समय नदीम ने 92 मीटर का दायरा पार किया, लगभग उसी समय उनका गोल्ड मेडल पक्का हो गया.