Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में मची बड़ी राजनीतिक उलटफेर के बाद वहां अंतरिम सरकार बन चुकी है. इस बीच खालिदा जिया की कट्टरपंथी विचारधारा वाली पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) अपने रंग में आने लगी है. पार्टी के एक सीनियर नेता ने भारत के खिलाफ जहर उगला है. उन्होंने कहा है कि यदि भारत शेख हसीना को अपने देश में शरण देता है तो भारत और बांग्लादेश के संबंध खराब हो सकते हैं.
भारत के खिलाफ बीएनपी के वरिष्ठ नेत गायेश्वर रॉय की ओर से यह बयान दिया गया है. रॉय बीएनपी की स्थायी समिति के सदस्य हैं जो पार्टी से जुड़े सभी बड़े निर्णय करती है. रॉय ने भारत को नसीहत देते हुए कहा- दो देशों के बीच सहयोग की जो आपसी भावना होती है, भारत को उसी के अनुरूप व्यवहार करने की जरूरत है. 1991 में बीएनपी की नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रह चुके गायेश्वर रॉय ने कहा कि हसीना सरकार के विदेश मंत्री ने कहा था कि सरकार में वापसी के लिए भारत हमारी मदद करेगा. अब भारत उनकी मदद कर रहा है.
बांग्लादेश में नयी अंतरिम सरकार का स्वागत
इधर, बांग्लादेश में लोगों ने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली नयी अंतरिम सरकार का स्वागत किया है. लोगों ने उम्मीद व्यक्त की है कि यह सरकार व्यवस्था बहाल करेगी. सरकार दमन को समाप्त करेगी और सत्ता के लोकतांत्रिक हस्तांतरण के लिए निष्पक्ष चुनाव कराएगी. 84 साल के यूनुस ने गुरुवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली थी. शेख हसीना ने विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद अचानक इस्तीफा दे दिया था. अभी वह भारत में हैं.
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मोहम्मद यूनुस के मंत्रिमंडल में ये हैं शामिल
मोहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री के समकक्ष पद मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली. महिला अधिकार कार्यकर्ता फरीदा अख्तर, दक्षिणपंथी पार्टी हिफाजत-ए-इस्लाम के उप प्रमुख ए.एफ.एम. खालिद हुसैन के अलावा ग्रामीण दूरसंचार ट्रस्टी नूरजहां बेगम, स्वतंत्रता सेनानी शर्मीन मुर्शिद, चटगांव हिल ट्रैक्ट्स डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष सुप्रदीप चकमा, प्रोफेसर बिधान रंजन रॉय और पूर्व विदेश सचिव तौहीद हुसैन सलाहकार परिषद के सदस्यों में शामिल हैं.