राकेश वर्मा, बोकारो : बोकारो के ललपनिया स्थित झारखंड सरकार की महत्वपूर्ण ताप विद्युत संयंत्र टीवीएनएल की तेनुघाट थर्मल पावर प्लांट के विस्तारीकरण की दिशा में गुरुवार को प्रबंधन को बड़ी सफलता मिली है. विस्तारीकरण के लिए जरूरी प्रदूषण नियंत्रण मानक सीलो सिस्टम में प्लांट की यूनिट एक से जुड़ी लाइन भी फंक्शनल हो गई है. जबकि, यूनिट दो बीते वर्ष नवंबर के प्रथम सप्ताह में ही फंक्शनल हो गई थी. इस प्रकार, सीलो सिस्टम की दोनों लाइन फंक्शनल हो गई है.
गुरुवार को निगम के एमडी सह टीटीपीएस के जीएम अनिल कुमार शर्मा ने सीलो सिस्टम के ऑपरेटिंग कंट्रोल पैनल रूम में नारियल फोड़कर विधिवत रूप से सिस्टम का शुभारंभ किया. इस दौरान डीजीएम सहित सभी वरीय अधिकारी उपस्थित थे. मौके पर सीलो की यूनिट नंबर एक की लाइन से एक हाइवा में ड्राई ऐश कलेक्ट किया गया. एमडी ने पूरे संयंत्र का निरीक्षण किया और संतुष्टि जताई.
सीलो सिस्टम की यूनिट एक लाइन को शीघ्र शुरू करने का निर्देश
खास बात यह है कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा परियोजना के विस्तारीकरण के लिए सीलो सिस्टम की यूनिट एक लाइन को शीघ्र चालू करने का निर्देश दिया गया था. जो प्रबंधन ने पूरा किया है. इसके साथ, कई अन्य छोटे छोटे मानक भी परियोजना में विभिन्न जगहों पर स्थापित कराये जा चुके हैं. ईटीपी व एसटीपी का निर्माण भी युद्धस्तर पर चल रहा है. जिसका काम शीघ्र पूरा हो जाने की उम्मीद है.
सीलो सिस्टम का निर्माण पड़ा था शिथिल
विदित हो कि लगभग तीन वर्ष पूर्व सीलो सिस्टम का निर्माण लगभग शिथिल अवस्था में था. लेकिन, एमडी अनिल कुमार शर्मा ने इस लंबित और शिथिल पड़े योजना को सख्ती के साथ आगे बढ़ाया. लगातार मॉनिटरिंग व समीक्षा कर निर्माण पूर्ण कराने पर जोर दिया. सीलो सिस्टम के लिए असैनिक विभाग के अधिकारी दिन रात जुटे हुए थे. द इंदौर प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली नामक एजेंसी ने इसका निर्माण किया. मौके पर डीजीएम अशोक प्रसाद, ईएसई आशीष कुमार शर्मा, नीरज कुमार, सर्वेश प्रसाद, धीरेंद्र प्रसाद, प्रदीप डुंगडुंग, ईईई नेहालुद्दीन अंसारी, एस पाहन, एजेंसी के दिनेश कुमार, जावेद अली, एसएन शुक्ला, आरडी साहू, सीआईएसएफ के डीसी, इंस्पेक्टर आदि थे.
कुल तीन हजार एमडी ड्राई फ्लाई ऐश स्टोरेज की क्षमता
सीलो सिस्टम के दोनों टैंक में कुल तीन हजार एमटी ड्राई फ्लाई ऐश स्टोरेज करने की क्षमता है. प्रत्येक सीलो टैंक(कंक्रीट की) में डेढ़ हजार एमटी ऐश का भंडारण होगा. दोनों यूनिट के सीलो सिस्टम से रोजाना तीन हजार एमटी छाई का एक्सपोर्ट होगा. इस तरह, छाई डैम में भार न के बराबर हो जायेगा और प्रदूषण शून्य होगा.
कैसे काम करेगा सीलो सिस्टम, क्या होंगें फायदे
किसी भी थर्मल पावर प्लांट्स के लिए उत्सर्जित छाई का निस्तारण या उपयोग बड़ी समस्या होती है. प्रदूषण के लिहाज से भी बड़ी समस्या होती है. ऐसे में सीलो सिस्टम के जरिए प्रदूषण पर विराम लगता है और सुखी छाई की आज के समय में डिमांड अधिक होने से खपत करने की चिंता भी घटी है. दरअसल, सीलो सिस्टम में ड्राई ऐश को ईएसपी हौपर से कलेक्ट किया जाता है और ट्रांसफर एयर कंप्रेसर(टीएसी) बिल्डिंग में लगे उपकरणों के सहारे पाइपलाइन के अंदर ड्राई ऐश को हवा के दबाव से धकेला जाता है और बाहर लगे सीलो में भंडारण किया जाता है. इसी सीलो टैंक के नीचे पाइप के जरिए हाइवा या कंटेनर में ड्राई ऐश भरा जाता है और एक्सपोर्ट किया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया के प्रदूषण लगभग शून्य होता है.
ड्राई ऐश को हाई डिमांड
आज के समय में ड्राई ऐश को डिमांड काफी अधिक है. सीमेंट फैक्ट्रियों में सबसे अधिक डिमांड होती है. इसके बाद ऐश ब्रिक व पेवर ब्लॉक फैक्ट्रियों में डिमांड सर्वाधिक है. एक्सप्रेस वे सड़कों के निर्माण में भी अंदर लेयर के लिए ड्राई फ्लाई ऐश की डिमांड है. बड़ी मात्रा में ड्राई ऐश की यहां खपत है. इसका बड़ा लाभ यह है कि मिट्टी की बचत होती है और यह पर्यावरण के लिए सुखद है.
ड्राई ऐश एक्सपोर्ट के लिए एजेंसी भी चयनित
सीलो सिस्टम के चालू होने के साथ ही इससे कलेक्ट ड्राई ऐश के निस्तारण को जानकारी के मुताबिक, एजेंसी या एक्सपोर्टर भी चयन कर ऑर्डर दे दिया गया है. हजारीबाग, रांची आदि के एजेंसियों को यह कार्य दिया गया है.
क्या कहते हैं टीवीएनएल के एमडी
पर्यावरण मंत्रालय नई दिल्ली के गाइडलाइन के अनुसार, आज सीलो सिस्टम के यूनिट एक से जुड़ी लाइन भी चालू कर ली गई. विस्तारीकरण के लिए यह जरूरी था. ईटीपी, एसटीपी, एडब्लूआरएस का निर्माण भी शीघ्र पूरा कर लिया जायेगा. छोटे छोटे कई प्रदूषण नियंत्रण मानक जगह जगह स्थापित कराए जा चुके हैं. प्रबंधन वर्तमान यूनिटों की बेहतरी के साथ विस्तारीकरण के लिए जरूरी हर मानक स्थापित करने पर गंभीरता से पहल करते हुए आगे बढ़ रही है. मिली उपलब्धि से नई दिल्ली को जल्द सूचित करेंगें.
अनिल कुमार शर्मा, एमडी, टीवीएनएल