पूर्णिया. केंद्र सरकार की कॉरपोरेट समर्थक नीतियों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर शुक्रवार को कॉरपोरेट भारत छोड़ो दिवस मनाया गया. इस दौरान किसान संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शन में मुख्यरूप से किसान, मजदूर, छात्र, बेरोजगार युवाओं ने कॉरपोरेट भारत छोड़ो, भारत सरकार विश्व व्यपार संगठन से बाहर निकालो, किसान मजदूर एकता जिंदाबाद के गगनचुंबी नारे लगाये. इस मौके पर माकपा के जिला सचिव सह जिला पार्षद राजीव सिंह ने कहा कि यह प्रदर्शन विभिन्न मांगों को लेकर किया गया है. इनमें मुख्य रूप से स्वामीनाथन आयोग के सिफारिश के अनुसार सभी फसलों के खरीद के साथ ही 2 50 प्रतिशत की दर से न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग की गयी है. किसानों और खेत मजदूरों को ऋणग्रस्तता से मुक्त करने, किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिये ऋण माफी लागू की भी मांग की गयी है. इसके अलावा बिजली क्षेत्र के निजीकरण और प्रीपेड मीटर पर रोक लगाने और कृषि कार्य को लेकर चौबीसों घंटे मुफ्त बिजली आपूर्ति की मांग की है. जबकि सभी किसानों और खेत मजदूरों के लिये प्रतिमाह 10 हजार रुपये की पेंशन योजना लागू करने के साथ-साथ भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम 2013 को लागू की मांग भी शामिल है. उन्होंने कहा कि श्रम कानून में बदलाव बंद हो, सभी भूमिहीनों को 10 डिसमिल जमीन बास के लिये और एक एकड़ जमीन खेती के लिए दिया जाये. उन्होंने आंगनबाड़ी, आशा, मिड डे मिल कर्मियों के लिए न्यूनतम 26 हजार रुपये प्रतिमाह देने की सरकार से मांग की गयी है. गरीबों व भूमिहीनों को बिना वैकल्पिक व्यवस्था के उजाड़ना हर हाल में बंद होने की बात कही. इस मौके पर सूरज चौहान, लालबहादुर उरांव, गुड्डू महतो, नारायण राम, शंकर ऋषि, मोहन मिस्त्री, शिवनाथ सोरेन, सुधिलाल मुंडा, प्रदीप दास, चंदन उरांव, जितेंद्र उरांव, धर्मवीर महतो, जितेंद्र महतो, बिरसन महतो आदि उपस्थित थे. फोटो:9 पूर्णिया 7- विरोध प्रदर्शन करते किसान संगठन के कार्यकर्ता एवं अन्य.
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