संवाददाता, पटना:नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेस (एनबीइएमएस) ने 11 अगस्त को होने वाले नीट पीजी की तैयारी पूरी कर ली है. परीक्षा का एडमिट कार्ड भी जारी कर दिया है. इस परीक्षा को लेकर कई बड़े बदलाव किये गये हैं. परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) मोड में होगी. 2017 से यह परीक्षा सिंगल शिफ्ट में हो रही थी, लेकिन इस बार दो शिफ्ट में होगी, इसलिए इस बार नीट पीजी में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनायी जायेगी. नॉर्मलाइजेशन के जरिये यह अनुमान लगाया जाता है कि दो शिफ्टों में हुई परीक्षा में किस शिफ्ट में पेपर कितना आसान या मुश्किल है. इसके अनुसार ही मार्क्स तय किये जाते हैं. अगर एक शिफ्ट में छात्रों का औसतन स्कोर 100 में 95 है और दूसरी शिफ्ट में 85 है और पाया जाता है कि दूसरी शिफ्ट का पेपर कुछ मुश्किल था, तो नॉर्मलाइजेशन स्कोर फॉर्मूले के तहत दोनों शिफ्ट के छात्रों का स्कोर तय किया जाता है. इससे दूसरी शिफ्ट के स्टूडेंट्स का औसत स्कोर बढ़ जाता है और पहली शिफ्ट के स्टूडेंट्स से औसत स्कोर का उनका गैप कम हो जाता है.
आवेदन पत्र में दिये गये पते के आधार पर दिया गया सेंटर
एनबीइएमएस ने कहा है कि ज्यादातर परीक्षार्थियों को उनके आवेदन पत्र में दिये गये पते के आधार पर उन शहरों में ही सेंटर अलॉट किये गये हैं. इस बार सेंटर पिछले वर्ष की तुलना में आधे हैं. जिन सेंटरों को लेकर थोड़ा भी संशय था, उन्हें नहीं चुना गया है. इस बार करीब 500 सेंटर चुने गये हैं. सेंटर चुनने का आधार विश्वसनीयता तो है ही, साथ ही यह भी देखा गया है कि वहां किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो. पिछले वर्ष 1200 सेंटर थे, लेकिन इस बार कई प्राइवेट वेंडरों को नहीं चुना गया है. करीब 2.28 लाख छात्रों के परीक्षा में शामिल होने की उम्मीद है. इनमें से आधे छात्र पहली शिफ्ट में और आधे दूसरी शिफ्ट में शामिल होंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है