किशनगंज. कृषि विज्ञान केंद्र में पांच दिवसीय 5 से 9 अगस्त 2024 तक ग्रामीण युवाओं के लिए आयोजित मिथिला, मधुबनी पेंटिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को पारंपरिक कला के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करना था. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य आयोजन और संचालन रमण भारती, वैज्ञानिक (गृह विज्ञान) द्वारा किया गया, जिन्होंने प्रमुख प्रशिक्षक की भूमिका निभाई. श्रीमती भारती ने न केवल कार्यक्रम का नेतृत्व किया, बल्कि मिथिला और मधुबनी पेंटिंग की बारीकियों को प्रतिभागियों के साथ गहराई से साझा किया. उनके अनुभव और ज्ञान ने इस कार्यक्रम को विशेष रूप से सफल बनाया. कार्यक्रम में डॉ राजीव सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र, किशनगंज, ने उद्घाटन किया और युवाओं को इस कला के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के बारे में बताया. डॉ मंजू कुमारी, वैज्ञानिक (उद्यान), डॉ अलीमुल इस्लाम, वैज्ञानिक (कृषि प्रसार), और कन्हैया लाल, वैज्ञानिक (सस्य विभाग) ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया. इनके साथ ही, वारिश हबीब, रिसर्च एसोसिएट, ने भी कार्यक्रम में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिससे प्रतिभागियों को इस कला के विविध पहलुओं से अवगत कराने में मदद मिली. रमण भारती के नेतृत्व में, प्रतिभागियों ने विभिन्न पेंटिंग तकनीकों का अभ्यास किया और विशेषज्ञों से मूल्यवान सुझाव प्राप्त किए. उनकी मेहनत और समर्पण ने इस कार्यक्रम को खास बना दिया और प्रतिभागियों को कला में निपुणता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया. कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए और श्रीमती रमण भारती के उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया गया. कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से इस प्रकार के और भी कार्यक्रमों को भविष्य में आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को लाभांवित किया जा सके और उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके.
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