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रक्षाबंधन: राखी से सजा पटना का बाजार, हैंडमेड से लेकर सोने-चांदी तक की राखियों की डिमांड 

भाई-बहन के प्रेम का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन 19 अगस्त (सोमवार) को मनाया जायेगा. बहनें इस रक्षाबंधन पर भाइयों की कलाई पर ट्रेडिशनल हैंडमेड राखियां सजाने की तैयारी कर रही हैं. पिछले एक-दो साल से हैंडमेड राखियों को काफी पसंद किया जा रहा है. यही वजह है कि शहर कई महिलाएं और लड़कियां इसे खुद से तैयार कर अपने घर की आर्थिक तंगी दूर कर रही हैं.

लाइफ रिपोर्टर@पटना
रक्षाबंधन के त्यौहार में अब मात्र 10 दिन ही शेष रह गये हैं. रंग-बिरंगी राखियों से बाजार सज चुका है. वैसे तो बाजार में कई तरह की राखियां हैं, लेकिन ट्रेडिशनल हैंडमेड राखियों की डिमांड काफी अधिक है. शहर में ऐसी कई महिलाएं व लड़कियां हैं जो मधुबनी पेंटिंग, क्रोशिया, ब्लॉक प्रिंट, मिलेट्स, रेशम और फूल-फल व सब्जियों के बीज का प्रयोग करते हुए राखियां तैयार कर रही हैं.

ये स्पेशल राखियां भाईयों की कलाई में सजने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देंगी. वहीं दूसरी ओर इस त्योहार को लेकर गिफ्ट का बाजार भी गुलजार है. भाई-बहनों को राखी गिफ्ट देने के लिए अपने बजट के मुताबिक कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की खरीदारी शुरू हो चुकी हैं. रक्षाबंधन को लेकर बाजार में कई ब्रांडेड घड़ी कंपनियां जैसे टाइटन, फास्ट ट्रैक, नेबुला, सोनाटा आदि ने नया कनेक्शन उतारा है.

कलाई में सजने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण भी संदेश देंगी ये राखियां

विभा श्रीवास्तव क्रोशिया से बनाती हैं राखी

अनिसाबाद की रहने वाली विभा श्रीवास्तव पिछले 15 साल से क्रोशिया से राखी बना रही हैं. इस बार वे बच्चों के लिए राखियां तैयार कर रही हैं, जिनमें मिक्की, मिनी, टॉफी, खरगोश, गाड़ी आदि के आकार की राखियां शामिल हैं. क्रोशिया से बनने वाली राखियों को वे एक महीने पहले से बनाना शुरू कर देती हैं. वे कहती हैं, इस बार दिल्ली, बेंगलुरु से ज्यादा ऑर्डर मिले हैं, जिन्हें उन्होंने समय से पूरा कर लिया है. इन राखियों की कीमत 35-150 रुपये तक है.

ममता तैयार को मिल चुका है 1000 का ऑर्डर  
दानापुर की रहने वाली ममता भारती मधुबनी पेंटिंग कर राखियां तैयार करती हैं. वे अभी तक 1000 राखियां ऑडर मिलने पर तैयार कर चुकी हैं. वे कहती हैं, मैं पिछले 20 साल से हैंडमेड राखियां तैयार कर रही हूं. इन राखियों की कीमत 35 रुपये से लेकर 500 रुपये तक होती है. इस बार की राखियों में मौली और रेशम के धागे का इस्तेमाल किया गया है, क्योंकि यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है. मैं महिलाओं को ट्रेनिंग भी देती हूं, ताकि हमारा आर्ट जन-जन तक पहुंचे.

बिनीता सिन्हा 125 लोगों को दे चुकी हैं रोजगार
खाजपुरा की रहने वाली बिनीता सिन्हा अपने भाइयों के लिए पिछले 10 साल से राखी बना रही हैं. जबकि, उन्होंने इसे बेचना पिछले छह साल से शुरू किया है. वे कहती हैं,मैं इको फ्रेंडली रखियां बनाती हूं. यही वजह है कि लोग इसकी ज्यादा डिमांड करते हैं. मेरे द्वारा तैयार की गयी राखी में मूंग, धनिया, मक्का, चना, मूंगफली व फलों के बीज को भी शामिल किया जाता है. जबकि धागे के रूप में जूट, टेराकोटा, मॉली व रेशम धागे का प्रयोग किया जाता है. अब तक मुझसे 125 महिलाएं व बच्चियां जुड़ चुकी हैं.  

अरुणिमा तैयार करती हैं पर्यावरण अनुकूल राखियां
नेहरू नगर की रहने वाली अरुणिमा वर्मा करीब सात साल से हैंडमेड राखियां तैयार कर रही हैं. उन्हें इस बार 50 राखी तैयार करने का ऑर्डर मिला है. वे कहती हैं मैं हर राखी को मैं बेहद ध्यान और प्यार से तैयार करती हूं, जिससे वह अद्वितीय होती हैं. इस साल कुछ नया करने के मकसद से सब्जी के बीज का इस्तेमाल राखी में किया गया है. ये राखियां पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है. वे हर साल रक्षाबंधन के एक माह पहले से राखी बनाने में जुट जाती हैं.  

रीना की मैग्नेट से बनी राखियां होती हैं काफी खास 
भूतनाथ की रीना कुमारी ने बताया कि हमारे द्वारा तैयार राखियों को आप लंबे समय तक के लिए रख सकते हैं. दरअसल, वे राखियों में मैग्नेट का प्रयोग करती हैं, जिसे प्रयोग के बाद घर में सजावट के तौर पर रखा जा सकता है. उन्होंने बताया कि मैं इन राखियों को ऑर्डर मिलने पर तैयार करती हूं. इस वर्ष अभी तक 150 राखियां तैयार कर चुकी हूं. मैग्नेट की राखियों की कीमत 130 रुपये व बिना मैग्नेट की राखी 120 रुपये की है. मेरे पास भाई-बहन व भैया-भाभी की तस्वीरों वाली राखियां भी तैयार होती है.

बाजार में सोने-चांदी की राखियों की भी डिमांड
पटना में रक्षाबंधन को लेकर राखी की अस्थायी दुकानें बोरिंग रोड, कंकड़बाग, कदमकुआं, ठाकुरबाड़ी रोड, चिरैयाटाड़, सब्जीबाग, पाटलिपुत्र कॉलोनी, कुर्जी, दीघा, राजीव नगर आदि इलाके में सज चुकी है, जहां राखियां खरीदने के लिए बहनों की चहल-पहल शुरू हो गयी है. वहीं ज्वेलरी मार्केट में सोने और चांदी से बनी राखियों की भी काफी डिमांड है. ज्वेलरी मार्केट में सोने व चांदियों की राखियों की भरमार है, जहां सोने की राखियां 24 हजार से लेकर 50 हजार तक, तो चांदी की राखियां एक से पांच हजार तक में उपलब्ध है.

सोने की राखियां 24-50 हजार, तो चांदी की एक से पांच हजार तक उपलब्ध
तनिष्क फ्रेजर रोड के महाप्रबंधक उमेश टेकरीवाल ने बताया कि सोने की राखियां 24 हजार से लेकर 50 हजार तक हजार तक में उपलब्ध है. इनमें गणेश, ओम, त्रिशूल आदि आकृति बने हुए हैं. भूषण भवन के शशि कुमार ने बताया कि चांदी की राखी कीमत एक से पांच हजार तक जायेगा. उन्होंने बताया यह कोलकाता, राजकोट और दिल्ली से आता है. पिछले कुछ सालों से चांदी की राखी की मांग में लगातार इजाफा हो रहा है. सोने की राखियां जहां एक से तीन ग्राम में उपलब्ध है. वहीं चांदी की राखी भी 5 ग्राम से लेकर 20 ग्राम तक में मिल रही है. बड़ी से लेकर लोकल कंपनियां मेकिंग चार्ज में छूट से लेकर अन्य ऑफरों से लोगों को लुभा रही हैं.

चांदी के ब्रेसलेट की सर्वाधिक डिमांड
बहनों में चांदी के ब्रेसलेट की सर्वाधिक डिमांड है. आकर्षक ब्रेसलेट पांच से 10 हजार रुपये तक में उपलब्ध है. इस बार राजस्थानी गोटे, रुद्राक्ष, मोतियों व फूल से बनी राखी के साथ ही वेस्ट मैटेरियल से बनायी गयी राखियां लोगों को काफी पसंद आ रही हैं. इसके अलावा कस्टमाइज फोटो वाली राखियां भी काफी आकर्षित कर रही हैं.

हैंड मेड राखी थाली ट्रेंड में
इस बार हैंड मेड राखी थाली ट्रेंड में है. विभिन्न तरीकों से तैयार की गयी इस थाली को बहनें खूब पसंद कर रही हैं. थाली को विभिन्न तरह के फूल, लैस, रंग -बिरंगे कपड़े वह अन्य चीजों से तैयार किया जा रहा है, जो देखने में भी काफी सुंदर है. थाली में चंदन, मिठाई, दीया और राखी रखने के लिए अलग-अलग भाग बनाये गये हैं. थाली की कीमत 250 से लेकर 1500 तक है.

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