22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सौरभ को जमीन हस्तांतरण के मामले में उच्च न्यायालय ने किया हस्तक्षेप

अदालत के फैसले पर निर्भर करेगा जमीन हस्तांतरण का भविष्य

अनियमितता की बात सामने आयी, तो कार्रवाई अदालत के फैसले पर निर्भर करेगा जमीन हस्तांतरण का भविष्य संवाददाता, कोलकाता कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश जयमाल्य बागची व न्यायाधीश अनन्या बनर्जी ने शुक्रवार को चंद्रकोणा में सौरभ गांगुली की कंपनी को इस्पात कारखाना स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा दी गयी जमीन के मामले में हस्तक्षेप किया है. शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश जयमाल्य बागची और न्यायाधीश अनन्या बनर्जी की खंडपीठ ने कहा कि अगर राज्य सरकार द्वारा भूमि हस्तांतरण में अनियमितता होने की बात सामने आती है, तो अदालत कार्रवाई करेगी. कोर्ट ने साफ कर दिया कि इस जमीन काे सौरभ गांगुली को हस्तांतरित किया जायेगा या नहीं, इसका भविष्य और मालिकाना हक मामले के फैसले पर निर्भर करेगा. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में बताया गया है कि प्रयाग फिल्म सिटी की लगभग 318 एकड़ जमीन के लिए राज्य को 43 करोड़ रुपये मिले हैं. इस पर खंडपीठ ने कहा कि प्रयाग चिटफंड से बरामद 350 एकड़ जमीन में से 11.28 एकड़ जमीन हाइकोर्ट द्वारा पूर्व न्यायाधीश शैलेंद्र तालुकदार के नेतृत्व में गठित समिति के हाथों में है, इसलिए यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह उस जमीन पर कब्जा पाने के लिए समिति से संपर्क करे. इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि राज्य उस जमीन का कुछ भी उपयोग या बिक्री नहीं कर सकेगा. अदालत ने कहा कि राज्य को नागरिकों का विश्वास हासिल करने के लिए चंद्रकोणा में कुल जमीन की फिर से जांच करनी चाहिए. शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सभी पक्षों के बयान हलफनामे के तौर पर तलब किये. अदालत ने आगे निर्देश दिया कि राज्य, सेबी और तालुकदार समिति आपस में समन्वय करते हुए चंद्रकोणा में भूमि की भौतिक जांच करेगी. वहां वे प्रयाग चिटफंड कंपनी द्वारा फिल्म सिटी के लिए बनाये गये बुनियादी ढांचे के बाजार मूल्य की जांच करेंगे. अगली सुनवाई में राज्य को उसकी बाजार कीमत का हिसाब कोर्ट को देना होगा. साथ ही राज्य को कोर्ट को यह बताना होगा कि राज्य सरकार बिना किसी नीलामी या ओपन टेंडर के किसी व्यक्ति को जमीन कैसे बेची जा सकती है. हाइकोर्ट ने राज्य को यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि राज्य इस संबंध में अदालत को संतुष्ट करने में विफल रहता है, तो अदालत भूमि हस्तांतरण के तरीके पर आपत्ति जतायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें