अब शव को नहीं देख सकेंगे परिजन शिव कुमार राउत, कोलकाता राज्य के पूर्व सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य के पार्थिव शरीर को नील रतन सरकार (एनआरएस) मेडिकल कॉलेज में सरंक्षित रखा जायेगा. उनके शव को सुरक्षित रखने के लिए नसों में सात से आठ तरह के रसायन इंजेक्ट किये गये हैं, जिसे मेडिकल की भाषा में ””एम्बामिंग”” कहा जाता है. यह पूरी प्रक्रिया लगभग 1.15 घंटे तक चली. अब शव को एक विशेष तरह के रसायन में लगभग 14 दिनों तक रखा जायेगा. इस दौरान एनाटमी विभाग के चिकित्सक सात दिन के अंतराल पर शव का निरीक्षण भी करेंगे. यह जानकारी एनआरएस मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर और एएसआइ के राज्य अध्यक्ष प्रो. डॉ अभिजीत भक्त ने दी. उन्होंने बताया कि फिलहाल कुछ दिनों के लिए शव को अस्पताल में सुरक्षित रखा जायेगा. उन्होंने कहा कि शव को संरक्षित रखे जाने से पहले परिजनों से आधार कार्ड, चिकित्सक द्वारा जारी डेथ सर्टिफिकेट की कॉपी के साथ डिक्लेरेशन फॉर्म परिजनों से भराया गया है. इसके बाद पूर्व सीएम के परिवार को अस्पताल द्वारा जारी किये गये मृत्यु प्रमाण पत्र को सौंपा गया. उन्होंने बताया कि अब पूर्व सीएम के परिवार के सदस्य शव को नहीं देख सकेंगे, क्योंकि शव को विकृत होने से बचाने के लिए कई तरह के रसायन का इस्तेमाल किया गया है. इससे परिजनों को संक्रमण हो सकता है और शव को देखने पर परिजनों को मानसिक आघात हो सकता है, इसलिए परिजनों को शव नहीं दिखाया जाता है. उन्होंने बताया कि बाद में शव का इस्तेमाल मेडिकल के छात्रों के शोध के लिए किया जायेगा.
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