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मांगों को लेकर कर्मियों ने जुलूस निकाल समाहरणालय पर किया प्रदर्शन

बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले सरकारी कर्मियों ने जुलूस निकाल समाहरणालय पर प्रदर्शन किया.

समस्तीपुर : बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले सरकारी कर्मियों ने जुलूस निकाल समाहरणालय पर प्रदर्शन किया. नेतृत्व जिलाध्यक्ष रामनरेश दास और जिलामंत्री राजीव रंजन कर रहे थे. प्रदर्शनकारी स्वास्थ्य विभाग में 22 जुलाई से चल रहे कार्य बहिष्कार के समर्थन में नारे लगा रहे थे. बिहार सरकार और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आंदोलनकारी एफआरएएस को वापस लेने, ठेका संविदा पर बहाली बंद करने, समान कार्य के बदले समान वेतन देने, रिक्त पदों पर स्थायी बहाली करने, कार्य स्थल पर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने, एनपीएस वापस लेने, ओपीएस लागू करने, 18 महीनों का बकाया मंहगाई भत्ता का भुगतान करने, पांच हजार की आबादी पर स्वास्थ्य उपकेन्द्र खोलने, स्वास्थ्य उपकेन्द्र पर डॉक्टर और दवा उपलब्ध कराने की मांग कर रहे थे. जुलूस महासंघ स्थल ने निकाला गया जो विभिन्न मार्गों से होते हुये समाहरणालय पहुंचा. समाहरणालय के सामने प्रदर्शन के कारण घंटों सड़क जाम की स्थिति बनी रही. बाद में जिला प्रशासन के बुलावे पर सात सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी से मिलकर मुख्यमंत्री के नाम प्रेषित 25 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा.इसके साथ जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष होने के कारण जिलाधिकारी को एनएचएम कर्मियों से संबंधित 12 सूत्री मांग पत्र भी सौंपा. इसके अलावा जिलास्तर पर लंबित आठ सूत्री मांग पत्र भी जिलाधिकारी को दिया. महासंघ स्थल पर सभा हुई. अध्यक्षता रामनरेश दास ने की. रैली को संबोधित करते हुए जिलामंत्री ने कहा कि बिहार सरकार की हठधर्मिता के कारण विगत 18 दिनों से एनएचएम कर्मी कार्य बहिष्कार पर हैं. स्वास्थ्य उपकेन्द्र में कर्मियों के बैठने रहने आदि की कोई व्यवस्था नहीं है. सरकार यहां सभी मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति करें. उसके बाद कर्मचारी हर आदेश को मानने के लिये तैयार हैं. उन्होंने कहा कि विगत हड़ताल का समायोजन बिहार सरकार नहीं की है. कई तरह की समस्यायें राज्य स्तर पर लंबित है. जिले में नवनियुक्त राजस्व कर्मचारी, पंचायत सचिव का विगत कई महीनों से वेतन अवरूद्ध है. इसके अविलंब भुगतान की मांग की गयी. पूर्व राज्याध्यक्ष लक्ष्मीकांत झा ने कहा कि सरकार कर्मचारियों को बंधुआ मजदूर समझ रही है. संविदा पर बहाल कर्मी एवं स्थायी कर्मी एक साथ काम करते हैं. परंतु एक तरफ 15 हजार और दूसरी ओर 50 हजार वेतन भुगतान किया जाता है. यह दोहरी नीति है. उन्हाेंने संविदा कर्मियों को सेवा पुस्त खाेलने, ईपीएफ कटौती करने, ठेका संविदा पर कार्यरत कर्मी को रिक्त पदों पर समायोजित करने की मांग की. सभा को चेतनारायण यादव, रामसेवक महतो, महेन्द्र पंडित, रामसेवक चौधरी, विरेन्द्र कुमार सिन्हा, नवलकिशोर राय, विनोद कुंवर, राम कुमार झा, पंकज कुमार, श्रीनिवास, अवलेश कुमारी, रेखा कुमारी, अनिता कुमारी, रंजना कुमारी, सुधा कुमारी, बिन्दु कुमारी, प्रेमा कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, शशिरंजन, चांदनी कुमार, सुमन कुमारी, दीपक मौर्य, निरंजन कुमार, मिथुन कुमार, अमित कुमार, अभिषेक कुमार, राकेश रोशन, कुमार उत्कर्ष आदि ने संबोधित किया.

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