दरभंगा. बागमती नदी फिर उफना गयी है. पिछले दो दिनों में जलस्तर में करीब पांच फीट वृद्धि हो गयी है. पानी बढ़ने से महाराजी पुल निर्माण के दौरान आवागमन के लिए बनाया गया पीपा पुल भी ध्वस्त हो गया है. वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पीपा पुल को जोड़ने के लिये लगाया गया चचरी का कनेक्शन प्वाइंट पानी में डूब गया है. इससे बागमती नदी के पश्चिमी भाग के अलावा ग्रामीण क्षेत्र का शहरी क्षेत्र से सहज संपर्क कट गया है. स्कूली बच्चों, कार्यालयों में काम करने वाले, दिहाड़ी मजदूर से लेकर बाजार आने-जाने वालों का आवागमन ठप हो गया है. इससे करीब 30 हजार की आबादी प्रभावित हो गयी है. पुराने महाराजी पुल के जर्जर होने के कारण इसके स्थान पर नये पुल का निर्माण विभाग कर रहा है. निर्माण के दौरान आवागमन के लिए पीपा पुल बना दिया गया. जुलाई की शुरुआत में जलस्तर में वृद्धि के बाद पीपा पुल के बीच में ऊपर उठ जाने के कारण तत्काल आवागमन के लिए बांस का चचरी दोनों किनारे बना दिया गया. अब वह भी ध्वस्त हो गया है. इससे लोगों की परेशानी के साथ चिंता बढ़ गयी है. वहीं, नदी के जलस्तर में तेज वृद्धि ने लोगों की टेंशन बढ़ा दिया है. बागमती नदी के पश्चिमी भाग अवस्थित वार्ड आठ, नौ व 23 के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के सिमरा, नेहालपुर, चतरिया, मब्बी आदि गांव के लोगों के लिए आवागमन में समस्या उत्पन्न हो गयी है. हालांकि वार्ड 23 व वार्ड नौ के कुछ भाग के लोगों के लिये इमली घाट पुल से आवागमन में सहूलियत जरूर है. बागमती नदी के पश्चिमी भाग आने-जाने के लिये लोगों को इमली घाट पुल से आवागमन करना पड़ रहा है. इस पुल से आवागमन में लोगों को अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है. गौरतलब है कि पीपा पुल से केवल पैदल लोग आ-जा सकते थे. पूर्वी भाग से शवदाह के लिये सती स्थान जाने तथा वाहनों के परिचालन को लेकर पूर्व से इमलीघाट पुल पर ही लोग निर्भर हैं.
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