वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर बीआरएबीयू के विभिन्न कॉलेजों से पासआउट होने वाले छात्र-छात्राओं को डिग्री के लिए विवि व कॉलेज का चक्कर नहीं लगाना होगा. विवि ने डिजिटल डिग्री देने प्रक्रिया पूरी कर ली है. स्नातक सत्र 2020-23 के 59 हजार छात्र-छात्राओं का प्रोविजनल सर्टिफिकेट डिजीलॉकर पर अपलोड कर दिया गया है. विद्यार्थी डिजीलॉकर एकाउंट पर इसे देख व डाउनलोड कर सकते हैं. प्रदेश भर में बीआरएबीयू ने सबसे पहले डिजीलॉकर पर डिग्री देने की सेवा शुरू की है. परीक्षा विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार पहले प्रोविजनल दिया गया है. डीम्ड डेट नहीं मिलने के कारण इस सत्र का मूल प्रमाणपत्र अभी अपलोड नहीं हुआ है. राजभवन से डीम्ड डेट प्राप्त हाेने के बाद मूल प्रमाणपत्र की डिजिटल प्रति भी डिजीलॉकर पर अपलोड कर दी जाएगी. फिलहाल मौजूदा सत्र के छात्रों की डिग्री डिजीलॉकर पर भेजी जा रही है. बैकलॉग की डिग्री अपडेट हो जाने के बाद पुरानी डिग्री के लिए भी यह सुविधा मिलने लगेगी. अनिवार्य होने से हटाया जन्मतिथि का कॉलम : डिजीलॉकर पर डिग्री अपलोड करने में छात्रों से जुड़ी जानकारी देनी होती है. विवि के पास छात्रों का जो विवरण है. उसमें किसी भी डाॅक्यूमेंट में जन्मतिथि व मां के नाम का जिक्र नहीं था. इस कारण डिजीलॉकर पर डिग्री अपलोड करने में परेशानी हो रही थी. विवि ने इस परेशानी को दूर करने के लिए इन दोनों विकल्पों को वेब ऑफ कर दिया है. इसके बाद 59 हजार से अधिक छात्रों का प्रोविजनल डिजीलॉकर पर अपलोड कर दिया है. ये होंगे डिजीलॉकर पर प्रमाणपत्र के फायदे : छात्र-छात्राओं को डिजीलॉकर पर प्रमाणपत्र अपलोड होने के कई फायदे मिलेंगे. एक तो उन्हें प्रमाणपत्र के लिए विवि या कॉलेज का चक्कर नहीं काटना होगा. उच्च शिक्षा के लिए दूसरे संस्थान में जाने पर प्रमाणपत्र का सत्यापन डिजीलॉकर से ही हो जाएगा. नौकरी के समय प्रमाणपत्र के सत्यापन के लिए विवि को डिग्री की प्रति नहीं भेजनी होगी. इससे समय भी बचेगा और प्रक्रिया भी जल्दी पूरी होगी. छात्र-छात्राओं को दोहरा भुगतान भी नहीं करना होगा. इस प्रकार खुलेगा डिजीलॉकर पर होगा रजिस्ट्रेशन : छात्र-छात्राओं को डिजीलॉकर से डिग्री प्राप्त करने के लिए डिजीलाॅकर के अधिकृत वेबसाइट या एप पर रजिस्टर करना होगा. नाम, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, इमेल आइडी के साथ ही छह डिजिट का पिन दर्ज करना होगा. यदि पहले से रजिस्ट्रेशन हो तो आइडी और पासवर्ड व ओटीपी के माध्यम से लागइन करना होगा. यहां प्रमाणपत्र के सेक्शन में जाकर इसे डाउनलोड किया जा सकेगा. इसे पीडीएफ फॉर्मेट में शेयर भी करने का विकल्प मिलेगा.
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