लातेहार. जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सदर अस्पताल में परिसर में शनिवार को अभियान की शुरुआत हुई. उद्घाटन शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम ने किया. मौके पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमें अपने जिले से ही नहीं, बल्कि देश से भी फाइलेरिया रोग को खत्म करना है. अभियान के दौरान घर पर आनेवाले स्वास्थ्य कर्मी के सामने ही दवा का सेवन करना है. लातेहार जिला की जनसंख्या 7,96,385 है, जिन्हें इस वर्ष फाइलेरिया रोधी दवा खिलानी है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया रोग के बारे में जागरूक करेंगे तथा अपने सामने दवा खिलायेंगे. किसी भी स्थिति में दवा का वितरण नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में जन सहभागिता आवश्यक है. एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को यह दवा नहीं खिलायी जायेंगी. उपायुक्त गरिमा सिंह ने कहा कि 10 से 25 अगस्त तक लातेहार जिला में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलायी जायेगी. कार्यक्रम के पहले दिन स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बूथ पर लोगों को फाइलेरिया की दवा डीइसी, अल्बेंडाजोल व आइवरमेक्टिन की खुराक खिलायी गयी. फाइलेरिया की दवा खिलाने के लिए जिले में 1054 बूथ बनाया गये हैं. सिविल सर्जन डा अवधेश कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि फाइलेरिया की दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है. इस अवसर पर उप विकास आयुक्त सुरजीत कुमार सिंह, जिला कुष्ट निवारण पदाधिकारी डाॅ शोभना टोप्पो, राज्य प्रतिनिधि विनय कुमार, सरयू प्रसाद सिंह, प्रवीण शर्मा, मो शाहबाज व सदर अस्पताल के सभी चिकित्सक उपस्थित थे.
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान शुरू, लोगों को खिलायी गयी दवा
बालूमाथ. बालूमाथ सीएचसी परिसर में शनिवार को फाइलेरिया उन्मूलन अभियान शुरू हुआ. बीडीओ सोमा उरांव सहित अन्य अतिथियों ने फाइलेरिया की दवा खाकर अभियान की शुरुआत की. डॉ अमरनाथ प्रसाद ने बताया कि 10 से 25 अगस्त तक यह अभियान चलेगा. 11 अगस्त से घर-घर जाकर सेविका, सहायिका व सहिया दीदी लोगों को दवा खिलायेंगे. उन्होंने बताया कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं व गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को यह दवा नहीं देनी है.चंदवा में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान शुरू
चंदवा़ चंदवा सीएचसी परिसर में शनिवार को फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की शुरुआत की गयी. उद्घाटन उपप्रमुख अश्विनी मिश्रा, मुखिया संगीता लकड़ा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नीलिमा, डॉ तरुण जोश लकड़ा व सुरेंद्र प्रसाद वैद्य ने संयुक्त रूप से किया. मौके पर एमटीएस कृष्णकांत ने कहा कि फाइलेरिया का कोई इलाज नहीं है. जागरूकता से ही इससे बचा जा सकता है. डब्ल्यूएचओ के सर्वे में यह बात सामने आयी है कि फाइलेरिया विश्व की दूसरी सबसे बड़ी बीमारी है, जो लोगों को विकलांग बना रही है. यह बीमारी मच्छरों के काटने से होती है. रोग की पहचान होने में पांच से 15 साल तक लग जाता है. डॉ तरुण जोश लकड़ा ने बताया कि फाइलेरिया की दवा दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं व असाध्य रोगी को नहीं देनी है. प्रभारी डॉ नीलिमा ने बताया कि 11 अगस्त से सेविका, सहायिका व स्वास्थ्य सहिया घर-घर जाकर लोगों को सामने दवा खिलायेगी. इसके लिए पूरे प्रखंड में 148 बूथ बनाये गये है. चंदवा में 1,11,087 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है. अभियान 25 अगस्त तक चलेगा. इस अवसर पर रमेश राम, पीरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधि मो शमीम, जेएसएलपीएस के सुरेंद्र कुमार, बीपीएम अमित कुमार सिंह, लेखापाल विनीता कुमारी, कमला चरमाको, देवाशीष पंडा, रवि मिश्रा, मनीष कुमार, बीरबल भगत, प्रवीण कुमार उर्फ भोला, सुमित सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है