मधुबनी. डीएम सह जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष अरविंद कुमार वर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक हुई. समीक्षा के क्रम में स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न मानकों में ओवर ऑल प्रदर्शन में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले कलुआही के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को 15 अगस्त को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करने का निर्देश दिया. वहीं निम्न प्रदर्शन करने के कारण जयनगर, घोघरडीहा एवं मधेपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निंदन पत्र देने का निर्देश दिया. संस्थागत प्रसव में वृद्धि का निर्देश देते हुए इसको लिए आशा बार उपलब्धि की समीक्षा का निर्देश दिया. उन्होंने संस्थागत प्रसव में अच्छे प्रदर्शन करने वाली आशा को प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया. संस्थागत प्रसव में लदनियां, रहिका, कलुआही, बिस्फी एवं पंडौल का प्रदर्शन निम्न पाया गया. इसे अगले बैठक तक ठीक करने का निर्देश दिया. वहीं रोस्टर के अनुसार सभी चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा. अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने वाले पंडौल प्रखंड के डा. मुरारी एवं मधेपुर प्रखंड के डाॅ अभिषेक से जवाब-तलब करने के साथ उनका वेतन स्थगित करने व प्रपत्र क गठित कर विभागीय करवाई का निर्देश दिया. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को स्वास्थ्य विभाग की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज कर संबंधित सीओ को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया. अवैध नर्सिंग होम एवं अल्ट्रासाउंड केंद्रों को लेकर लगातार जांच करने एवं उनके विरुद्ध करवाई करने का निर्देश दिया. डीएम ने गर्भवती महिलाओं के निबंधन एवं प्रसव पूर्व जांच की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए इसमें और सुधार करने को कहा. उन्होंने गर्भवती महिलाओं को आईएफए एवं कैल्शियम टेबलेट शत प्रतिशत उपलब्ध कराए जाने को लेकर एएनएम के माध्यम से से विशेष प्रयास करने का निर्देश दिया. उन्होंने इस परिप्रेक्ष्य में सबसे कम उपलब्धि वाले पांच प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश भी दिया. संस्थागत प्रसव की समीक्षा के दौरान उन्होंने निर्देश दिया गया कि सभी बीसीएम आशा वार उपलब्धि की समीक्षा करें. जिससे यह पता चल सके की आशा कार्यकर्ताओं द्वारा कहां प्रसव कराया गया. उन्होंने सदर अस्पताल में संचालित एसएनसीयू की समीक्षा करते हुए कहा कि एसएनसीयू में विशेषज्ञ चिकित्सक पदस्थापित हैं. ऐसे में किसी बच्चे को इलाज के लिए अन्यत्र भेजना उचित नहीं है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि आवश्यकतानुसार नवजात बच्चे को एसएनसीयू में सुसज्जित एंबुलेंस से ही भेजें और भेजने से पूर्व बच्चों को स्टेब्लाइज करें. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए डीएम ने सभी विद्यालयों के साथ सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी बच्चों के पूर्ण रूप से स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से संबद्ध आयुष चिकित्सकों से कोई अन्य कार्य नहीं लिया जाए. ताकि क्षेत्र स्तर पर बच्चों के स्वास्थ्य जांच का दायरा बढ़ाया जा सके. उन्होंने आयुष्मान भारत की समीक्षा के क्रम में शत प्रतिशत लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाए जाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि पंजीकृत नर्सिंग होम एवं अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच कर यह सुनिश्चित करें कि संबंधित संस्थानों द्वारा विभागीय दिशा-निर्देश एवं मानकों का अनिवार्य रूप से पालन किया जा रहा है या नहीं. उन्होंने सर्वे रजिस्टर अपडेट करने, टेली मेडिसिन, परिवार कल्याण कार्यक्रम के साथ आशा के रिक्त 184 पदों पर पारदर्शी तरीके से आशा का चयन करने का निर्देश दिया. उन्होंने कार्य संपादित नहीं करने वाले आशा को चयन मुक्त करने की दिशा में कदम उठाने का निर्देश दिया. बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. आरके सिंह, डीपीआरओ परिमल कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, डीएमओ डा. दया शंकर सिंह, डीपीओ आईसीडीएस, जिला स्वास्थ्य समिति के सभी सलाहकार, सभी स्वास्थ्य अधीक्षक व उपाधीक्षक, जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अस्पताल प्रबंधक एवं प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक उपस्थित थे.
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