बक्सर. शनिवार को संयुक्त कृषि भवन के सभागार में डिजिटल क्राप सर्वे का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण के उद्घाटन जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश शंकर, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण आशीष शंकर, बक्सर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी शेखर किशोर, डुमराव अनुमंडल कृषि पदाधिकारी शेखर कुमार, आत्मा उपनिदेशक बेबी कुमारी ने संयुक्त रूप से किया. जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश शंकर ने बताया कि इस सर्वेक्षण के माध्यम से जिले के सभी किसानों की सोसायटी का सर्वेक्षण किया जायेगा. उक्त सर्वेक्षण से इस तथ्य का पता चलता है कि जिलों में वास्तविक रूप से किसकी संख्या कितनी है.कितनी मात्रा में खाद और बीज की आवश्यकता होगी, इस बात की भी जानकारी जानें.साथ ही खेती कार्य में किसानों का सामना करना पड़ता है, इसकी भी जानकारी होगी.उक्त सर्वेक्षण कार्य मोबाइल एप के माध्यम से किया जाएगा.डिजिटल क्रॉप सर्वे ऐप और वेब पोर्टल के माध्यम से खेती किसान और किसान के जमीन से संबंधित समस्त जानकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक साथ उपलब्ध होगी. जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश शंकर ने बताया कि राज्य सरकार के इस सेवा को प्रारंभ करके जिले में क्रॉप सर्वे किया जा रहा है.इससे किसानों तक सरकारी योजनाओं का लाभ तुरंत पहुंचने में बहुत मदद मिलगी.सरकार और विभाग के पास फसल और उत्पादन का सटीक आंकड़ा होगा. किसानों को होगी सुविधा भविष्य की आवश्यकता और आपात स्थिति की पूर्व तैयारी के लिए यहां आंकड़ा बहुत ही बेहतरीन साबित होगा.जिले में डिजिटल क्रॉप सर्वे समय से पूरा होगा.इसके माध्यम से वास्तविक रूप से उगाई जा रही फसल का विवरण और खेत के क्षेत्रफल का डाटा तैयार किया जाएगा.इससे फसल के आच्छादन और उत्पादन का सटीक आंकड़ा भी मिल पाएगा.यह एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिस पर किसानों का सभी प्रकार का आंकड़ा दर्ज रहेगा.इसमें काश्तकार के नाम साथ खेत का रकबा, चौहद्दी और उगाई जा रही फसल का भी उल्लेख होगा. रैयतों को होगी सुविधा इसके बाद किसानों को सरकारी योजनाओं का समुचित लाभ आसानी से मिल सकेगा.इस व्यवस्था के तहत प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट की स्वीकृति, फसलों की खरीद और फसल क्षति का मुआवजा भी समय से मिल पाएगा.हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए बजट में देश के 400 जिलों में डिजिटल क्रॉप सर्वे लागू करने की घोषणा हुई थी.इसके आधार पर अगले तीन वर्षों में डिजिटल पब्लिक आधारभूत संरचना का विकास किया जा सकेगा.इसका उद्देश्य किसान और कृषि से संबंधित आंकड़ों का संग्रहण करना है.
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