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ओडिशा में आलू संकट : 100 रुपये में तीन किलो आलू बेचेगी राज्य सरकार

ओडिशा के खाद्य आपूर्ति विभाग ने भुवनेश्वर में 95 डीलरों के जरिये उपभोक्ताओं को 100 रुपये में तीन किलो आलू उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. प्रति परिवार एक सदस्य को आलू दिया जायेगा.

भुवनेश्वर. पश्चिम बंगाल से आलू की आवक कम होने के बाद राज्य में आलू संकट देखा जा रहा है. राज्य के विभिन्न जिलों में आलू 40 रुपये से 60 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है. काफी प्रयासों के बाद भी राज्य सरकार इस समस्या का हल नहीं निकाल सकी है. हालांकि, इस बीच उत्तर प्रदेश से आलू लाकर दाम नियंत्रित करने का प्रयास किया गया है. इस बीच राज्य के खाद्य एवं उपभोक्ता कल्याण विभाग की ओर से नया प्रयास शुरू करते हुए खुदरा विक्रय केंद्रों के माध्यम से आलू बेचने का फैसला लिया गया है. इसके लिए प्रारंभिक चरण में खाद्य आपूर्ति विभाग ने भुवनेश्वर के अतिरिक्त जिलापाल कार्यालय में 95 से अधिक डीलरों को आलू उपलब्ध कराया है. इसे खुदरा विक्रय केंद्रों के माध्यम से 100 रुपये में तीन किलो प्रति उपभोक्ता देने का निर्णय लिया गया है. प्रत्येक परिवार से कोई भी एक उपभोक्ता यह आलू खरीद सकेगा.

एसमा लागू कर आलू का दाम नियंत्रित करे राज्य सरकार : बीजद

बीजू जनता दल की ओर से शनिवार को भुवनेश्वर में संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर राज्य सरकार से आलू का दाम नियंत्रित करने का अनुरोध किया गया है. बीजद की वरिष्ठ नेता प्रमिला मलिक ने कहा कि आलू की समस्या अगले 15 दिनों तक रह सकती है. ऐसे में एसमा लागू कर बाजार में इसका दाम नियंत्रित किये जाने की जरूरत है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार उपभोक्ताओं की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है. राज्य सरकार के मंत्री केवल बयानबाजी कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं. इसका फायदा उठाकर कुछ लालची कारोबारी अपनी जेब भरने में लगे हैं. पिछले दिनों राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने व्यापारियों को आलू 32 से 35 रुपये प्रति किलो बेचने को कहा था, लेकिन वे इसका पालन नहीं कर रहे हैं.

उत्तर प्रदेश से मंगाया जा रहा आलू

पश्चिम बंगाल से ओडिशा में आलू की आपूर्ति पिछले करीब एक माह से प्रभावित है. जिस कारण भुवनेश्वर-कटक समेत राज्य के कई शहरों में आलू गोदाम खाली हो गये हैं. राज्य में आलू का संकट देखते हुए उत्तर प्रदेश से ओडिशा में आलू लाया जा रहा है. सूत्रों ने बताया कि राज्य में समय पर आलू की आवश्यक मात्रा नहीं पहुंच पायी है. इधर, आलू की कीमतों को लेकर उपभोक्ताओं में असंतोष है. ओडिशा में आलू की कीमत उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ रही है, क्योंकि यह सब्जी ज्यादातर रसोई में अहम स्थान रखती है. इससे गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार प्रभावित हुए हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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