बिहार में पांचवां रेल पुल बनने जा रहा है. भागलपुर का यह पहला रेल पुल होगा जो विक्रमशिला-कटरिया के बीच बनेगा. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आठ रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इसमें बिहार में भागलपुर के पास गंगा नदी पर एक नये रेल पुल का निर्माण शामिल है. 2549.17 करोड़ की लागत से भागलपुर के पास गंगा नदी पर 2.44 किमी लंबी डबल लाइन वाली पुल सहित 26 किमी लंबे विक्रमशिला-कटरिया नयी रेल लाइन बनेगी.
कब तक पूरा होगा प्रोजेक्ट…
रेल मंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट का 2030-31 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.गंगा नदी पर बनने वाला रेल पुल वाई आकार का होगा. उत्तर दिशा में कटरिया व नवगछिया तथा दक्षिण दिशा में विक्रमशिला व शिवनारायणपुर स्टेशनों को जोड़ेगी. इस पुल के निर्माण होने से कोसी व सीमांचल क्षेत्र का अंग क्षेत्र से सीधा जुड़ाव होगा.
ALSO READ: PHOTOS: भागलपुर में बिलबिला रहे सैंकड़ों रसेल वाइपर, एशिया का सबसे खतरनाक सांप घरों में छिप रहा
क्या होगा इस पुल का विशेष फायदा…
ग्रीनफील्ड में निर्मित इस रेल लाइन से नार्थ बिहार, पश्चिम बंगाल ,नार्थ ईस्ट से दक्षिण बिहार, झारखंड व ओडिशा के बीच गतिशीलता में वृद्धि होगी.नेपाल तक कनेक्टिविटी बढ़ेगी. वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के अवसर पर पाटलिपुत्र रेल परिसर में पूर्व मध्य रेल के एजीएम अमरेंद्र कुमार, सीपीआरओ सरस्वती चंद्र सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
रोजगार के भी दरवाजे खुलेंगे
रेल मंत्री ने कहा कि विक्रमशिला-कटरिया नयी लाइन परियोजना में 22 लाख मानव दिवस का सृजन होगा.इससे इस क्षेत्र के लोगों को रोजगार के नये अवसर मिलेंगे. परियोजना के पूरा हो जाने से 95 करोड़ किलो कार्बन उत्सर्जन में कमी आयेगी. यह लगभग 3.8 करोड़ वृक्ष के बराबर होगा. विक्रमशिला स्टेशन भागलपुर-साहिबगंज रेलखंड व कटरिया स्टेशन कटिहार-बरौनी रेलखंड पर स्थित है. बक्सर से राजमहल तक लगभग 450 किमी की लंबाई में बिहार में गंगा नदी पर अभी मात्र तीन रेल पुल है जो पूरी तरह सैचुरेटेड है.
झारखंड से कोयला, स्टोन चिप्स आदि लाने में सुविधा होगी
रेल मंत्री ने बताया कि इस परियोजना द्वारा गंगा नदी पर एक अतिरिक्त मेगा ब्रिज का निर्माण होगा. इस परियोजना के पूरा होने पर झारखंड से कोयला, स्टोन चिप्स आदि लाने में सुविधा होगी. इस क्षेत्र के लोगों को व्यापक विकास के जरिए ‘आत्मनिर्भर’ बनायेगी. ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं.